आईआईटी मद्रास को मिली महत्वपूर्ण पहचान

चेन्नई (एजेंसी/वार्ता): भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-मद्रास (आईआईटी-एम) ने व्हार्टन-क्यूएस रीइमेजिन एजुकेशन अवार्ड्स (शिक्षा का ऑस्कर) में महत्वपूर्ण पहचान हासिल की है। डेटा साइंस और एप्लिकेशन में बीएस ने ‘सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन कार्यक्रम’ श्रेणी में रजत जीता, जबकि आईआईटी और आईआईएससी की संयुक्त पहल एनपीटीईएल (नेशनल प्रोग्राम ऑन टेक्नोलॉजी एनहैंस्ड लर्निंग) ने ‘आजीवन सीखने की श्रेणी’ में स्वर्ण जीता।

व्हार्टन-क्यूएस रीइमेजिन एजुकेशन अवार्ड्स शिक्षा में नवाचार और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने वाले शिक्षकों, संस्थानों और संगठनों की उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता दिये जाने का उत्सव है। पुरस्कार श्रेणियों को शिक्षा क्षेत्र की विविधता और विस्तार को दर्शाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। विजेताओं का चयन एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा किया जाता है। आईआईटी-एम की सोमवार को यहां जारी विज्ञप्ति में बताया गया है कि इस वर्ष का पुरस्कार समारोह हाल ही में अमेरिका के पेंसिल्वेनिया प्रांत के फिलाडेल्फिया शहर के व्हार्टन कैंपस आयोजित किया गया था।

आईआईटी-मद्रास बीएस डिग्री प्रोग्राम में वर्तमान में विभिन्न स्तरों पर 15,000 से अधिक छात्र नामांकित हैं। इसका उद्देश्य उन्हें अपने करियर की यात्रा में आगे रहने में मदद करना है। यह प्रोग्राम हाइब्रिड मोड में है जिसमें ऑनलाइन डिलीवरी और इन-पर्सन असेसमेंट है। आज तक, एनपीटीईएल प्रमाणीकरण के लिए 4,000 से अधिक पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जिसमें दो करोड़ से अधिक नामांकन और 23 लाख से अधिक परीक्षा पंजीकृत हैं।

आईआईटी-एम के निदेशक प्रो. वी. कामकोटि ने कहा, “हम व्हार्टन-क्यूएस रीमागाइन एजुकेशन से ये पुरस्कार प्राप्त करके सम्मानित महसूस कर रहे हैं। हमारे बीएस कार्यक्रम और एनपीटीईएल इस बात के उदाहरण हैं कि कैसे छात्रों को उनके स्थान की परवाह किए बिना उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया जा सकता है।”

उन्होंने कहा, “हम अपने छात्रों के लिए सीखने के अनुभव को बढ़ाने के लिए नए तरीके खोजने और नए तरीके खोजने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” डेटा साइंस और एप्लिकेशन में आईआईटी मद्रास बीएस को मल्टीमीडिया और इलेक्ट्रॉनिक तथा पारंपरिक शैक्षिक मॉडल के संयोजन का उपयोग करके शिक्षण/सीखने का एक हाइब्रिड मोड प्रदान करने के लिए सर्वश्रेष्ठ ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम से सम्मानित किया गया है। यह परियोजना केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित है और इसका उद्देश्य मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम और वीडियो व्याख्यान प्रदान करके देश में इंजीनियरिंग शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है।

-एजेंसी/वार्ता

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