बवासीर से बचना है तो रोज़ करें ये 5 आसान काम

आजकल की बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान की वजह से पाचन संबंधी कई समस्याएं आम हो गई हैं, और कब्ज उनमें से सबसे बड़ी परेशानी है। कब्ज अगर लंबे समय तक बनी रहे, तो यह आगे चलकर बवासीर (पाइल्स/हेमरॉइड्स) जैसी गंभीर बीमारी का रूप ले सकती है।

बवासीर न सिर्फ शारीरिक तकलीफ देती है बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को परेशान कर सकती है, क्योंकि कई बार लोग शर्म या झिझक के कारण इसके बारे में डॉक्टर से खुलकर बात नहीं कर पाते। चलिए जानते हैं कि बवासीर क्या है, इसके प्रकार क्या हैं और कैसे इससे बचाव किया जा सकता है।

❓ क्या है बवासीर (Piles)?
बवासीर एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा (Anus) और मलाशय (Rectum) के निचले हिस्से में सूजन आ जाती है। इससे वहां मस्से जैसी गांठें बन जाती हैं जो अंदर या बाहर किसी भी जगह हो सकती हैं। इस स्थिति में बैठना और चलना तक मुश्किल हो जाता है।

🔍 पाइल्स के प्रकार:
1. खूनी बवासीर (Bleeding Piles):
इसमें दर्द नहीं होता, लेकिन शौच के समय खून आता है। मरीज को अक्सर इस स्थिति का पता काफी समय बाद चलता है।

2. बादी बवासीर (Non-Bleeding Piles):
इसमें दर्द अधिक होता है और कब्ज की समस्या बनी रहती है। पेट साफ न होना, गैस और भारीपन की शिकायत आम होती है।

यदि पाइल्स समय पर ठीक न हो, तो यह इतनी तकलीफदेह हो सकती है कि बैठना, चलना या सामान्य गतिविधियां करना भी कठिन हो जाता है।

🛡️ कैसे रोकें पाइल्स को बढ़ने से?
डॉक्टर्स और आयुर्वेद एक्सपर्ट्स के अनुसार बवासीर को शुरुआत में ही रोका जा सकता है यदि हम अपनी दिनचर्या और खानपान पर ध्यान दें:

फाइबर युक्त आहार लें: हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज को डाइट में शामिल करें।

ज्यादा पानी पिएं: दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी ज़रूर पिएं।

कब्ज न होने दें: नियमित बाथरूम जाना और पेट साफ रखना बहुत जरूरी है।

तेल-मसाले और फास्ट फूड से बचें: प्रोसेस्ड और बाजार का खाना पाइल्स को बढ़ा सकता है।

स्ट्रेस कम करें और भरपूर नींद लें: मानसिक तनाव भी पेट को प्रभावित करता है।

हल्का और सुपाच्य भोजन करें: आयुर्वेद के अनुसार वायु-वर्धक भोजन से परहेज करें।

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