स्किन पर सफेद धब्बे दिखें तो न करें नजरअंदाज, हो सकता है विटिलिगो

विटिलिगो एक क्रॉनिक ऑटोइम्यून बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) खुद स्किन सेल्स पर हमला करने लगती है। इससे मेलानिन नामक पिगमेंट बनना बंद हो जाता है, जिसकी वजह से त्वचा पर सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं। यह समस्या शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकती है और यह धीरे-धीरे बढ़ सकती है।

⚠️ विटिलिगो के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
त्वचा पर सफेद या रंग उड़े हुए धब्बे (विशेषकर हाथ, पैर, चेहरा, कोहनी आदि पर)

बालों में सफेदी (स्कैल्प, पलकों, दाढ़ी या भौं पर)

होंठों या मुंह के अंदर के हिस्सों पर रंग हल्का पड़ना

आंखों या नाक के आसपास के हिस्सों का रंग बदलना

इन लक्षणों को हल्के में लेना भारी पड़ सकता है। शुरुआती पहचान से इलाज की प्रक्रिया बेहतर हो सकती है।

🧬 किन कारणों से होता है विटिलिगो?
आनुवंशिक कारण – यदि परिवार में किसी को यह बीमारी है, तो जोखिम बढ़ सकता है।

ऑटोइम्यून समस्या – शरीर की इम्यूनिटी अपने ही स्वस्थ सेल्स पर हमला करती है।

सनबर्न या चोट – गंभीर धूप में जलना या स्किन पर ट्रॉमा इसे ट्रिगर कर सकता है।

केमिकल एक्सपोजर – कुछ केमिकल्स त्वचा के रंग को बदल सकते हैं और विटिलिगो को बढ़ा सकते हैं।

🧑‍⚕️ क्या है इलाज? क्या विटिलिगो ठीक हो सकता है?
स्किन स्पेशलिस्ट से सलाह लेना जरूरी है।

कुछ मामलों में यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ खुद भी कम हो सकती है, लेकिन ज्यादातर मरीजों को इलाज की ज़रूरत होती है।

उपचार में शामिल हो सकते हैं:

टॉपिकल क्रीम्स

लाइट थेरेपी (Phototherapy)

लेजर ट्रीटमेंट

सर्जिकल ऑप्शन (जैसे स्किन ग्राफ्टिंग)

घरेलू नुस्खों या इंटरनेट पर उपलब्ध एक्सपेरिमेंटल उपायों से बचें और केवल विशेषज्ञ की सलाह लें।

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