ग्रीन टी, लेमन टी और दूध की चाय अगर आप पीते-पीते थक चुके हैं तो अब गुड़हल की चाय ट्राई कीजिए

कई लोगों के घर में गुड़हल का पौधा लगा होता है. इसके फूलों का इस्तेमाल पाठ पूजन में किया जाता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं इस पौधे के फूलों का इस्तेमाल कई तरह की बीमारियों को दूर करने वाली दवाइयों मैं किया जाता है. न केवल दवाइयां बल्कि आप इसके फूलों से चाय भी बना सकते हैं. बाजार में गुड़हल के फूलों की चाय बेचीं भी जाती है.

गुड़हल की चाय बनाने के लिए सबसे पहले फूलों को धोकर उसकी पंखुड़ियां अलग कर लें. अब पानी को बॉइल करें और प्रति व्यक्ति के लिए दो गुड़हल के फूल की पंखुड़ियां पानी में डालें और 2 मिनट तक इन्हें पकने दें. अब कप में छानकर इसमें नींबू का रस या शहद मिलाकर अपने स्वाद अनुसार पिएं.

गुड़हल की चाय जिसे हिबिस्‍कस टी के रूप में भी जाना जाता है. के सेवन से वजन कम होता है. गुड़हल की चाय शरीर में एमीलेज एंजाइम द्वारा स्टार्च को शुगर में बदलने की प्रक्रिया को रोककर, शरीर में शुगर और स्टार्च की मात्रा को नियंत्रित करती है जिससे वेट कम होता है.

गुड़हल के पत्ते के एथेनॉल एक्सट्रैक्ट में एंटी डायबिटीज गुण पाए जाते हैं जो मधुमेह की समस्या से बचाव और जोखिम को कम करने में मददगार हैं.

गुड़हल के चाय का सेवन करने से वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से बचाव होता है. गुड़हल की रोसेले नाम की एक प्रजाति में एंटी बैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी पैरासिटिक गुण मौजूद होते हैं जो कई तरह के बैक्टीरिया, फंगल और पैरासाइट को दूर रखने में मदद करते हैं.

गुड़हल के फूल की चाय का सेवन करने से स्ट्रेस और थकान दूर होती है. चाय में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण तनाव और थकान से निजात दिलाकर अच्छी और गहरी नींद लाने में मदद करते हैं.

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