उत्तराखंड के मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शनिवार को कहा कि अगर समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा सरकार द्वारा नियुक्त विशेषज्ञ समिति समय पर प्रस्तुत कर देती है तो राज्य विधानसभा के आगामी सत्र में इसपर चर्चा हो सकती है।
उत्तराखंड के वित्त एवं संसदीय मामलों के मंत्री ने कहा कि विधानसभा के 5-8 फरवरी तक चलने वाले चार दिवसीय सत्र के एजेंडे में एक और प्रमुख विषय राज्य गठन के आंदोलनकारियों को 10 प्रतिशत ‘क्षैतिज आरक्षण’ देने वाला कानून पारित करना है।
उत्तराखंड का गठन वर्ष 2000 में किया गया था।
अग्रवाल ने कहा, ”हम उम्मीद करते हैं कि यूसीसी मसौदा समिति जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंप देगी। अगर हमें यह समय पर मिल जाती है, तो यूसीसी की मसौदा रिपोर्ट पर चर्चा इस (विधानसभा) सत्र के एजेंडे में शामिल की जा सकती है।”
उन्होंने कहा, हालांकि, उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाली समिति को 15 दिनों का विस्तार दिया गया है और यह जब भी उचित समझे, यूसीसी का मसौदा सौंपने के लिए स्वतंत्र है।
भाजपा नेता ने कहा, ”दोनों विषय (यूसीसी का मसौदा और आरक्षण) हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। यूसीसी लाना चुनाव से पूर्व हमारे द्वारा किया गया एक प्रमुख वादा था और अगर हमें यूसीसी का मसौदा सत्र शुरू होने से पहले मिल जाता है तो हम इसे विस्तृत चर्चा के लिए सदन में लाएंगे।”
– एजेंसी