भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) की नवनिर्वाचित संस्था को खेल मंत्रालय द्वारा निलंबित किये जाने के बाद यहां फोगाट खाप पंचायत ने पहलवानों को न्याय दिलाने के लिए एक बैठक की और कहा कि अगर खिलाड़ियों के साथ ज्यादती हुई तो खाप उनके पक्ष में अग्रणी भूमिका निभायेगी।
कुश्ती को लेकर मचे घमासान के बीच फोगाट खाप भी मैदान में उतरने को तैयार है। साथ ही फोगाट खाप ने सरकार से खेल महासंघ के अध्यक्ष पद पर न सिर्फ खिलाड़ी की नियुक्ति करने बल्कि महिला खिलाडिय़ों की कोच महिला ही नियुक्त करने की मांग की। रविवार को चरखी दादरी के स्वामी दयाल धाम पर फोगाट खाप की कार्यकारिणी बैठक प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों के बाद बने हालातों के साथ-साथ साक्षी मलिक द्वारा संन्याय लेने और ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया द्वारा पद्मश्री लौटाने के बारे मंथन किया गया। खाप पदाधिकारियों ने पहलवानों द्वारा किये गये फैसलों को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए उन्हें अपने फैसले पर विचार करने के लिए कहा।
खाप पदाधिकारियों ने कहा, ”खिलाड़ी राजनीति की भेंट चढ़ रहे हैं, जहां साक्षी मलिक को खून के आंसू रोने पर मजबूर होना पड़ा, वहीं न्याय की उम्मीद छोड़ चुके बजरंग पूनिया को पदमश्री वापस लौटाना पड़ा। खाप हरियाणा के खिलाडिय़ों के सम्मान व न्याय दिलाने के लिए पहले भी साथ थी और आगे भी अग्रणी भूमिका निभाएगी।’’
खाप प्रधान बलवंत नंबरदार ने कहा, ”डब्ल्यूएफआई निलंबित होने पर खिलाडिय़ों को भविष्य बनाने की उम्मीद दिखी है। खाप का मानना है कि खेल महासंघ के अध्यक्ष सिर्फ खिलाड़ी ही बने और महिला खिलाडिय़ों की कोच महिला ही बने।’’
उन्होंने कहा, ”सांसद बृजभूषण शरण सिंह की कारगुजारियों के कारण पहलवानों को आंदोलन करना पड़ा था। डब्ल्यूएफआई के नये अध्यक्ष बनने के बाद से पहलवानों की उम्मीदों पर पानी फिरा तो संन्यास जैसे फैसले लेने पड़े।’’ बैठक में खाप पदाधिकारियों ने सरकार से खिलाड़ियों को सम्मान देने की गुहार लगायी। माजरा खाप पंचायत जींद और सर्वखाप पंचायत मंच जिला जींद ने भी खेल मंत्रालय के फैसले का स्वागत किया है।
– एजेंसी