अगर कोई टीम सुपर ओवर खेलने से करती है मना तो रेफरी क्या लेते हैं फैसला?

क्रिकेट एक ऐसा खेल है, जिसकी लोकप्रियता दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। इस दौरान इस खेल के नियमों को लगातार बदला या नया नियम लागू किया जा रहा है। साल 2008 में लागू किए गए सुपर ओवर के नियम में लगातार बदलाव हो रहे हैं। 2019 क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में विवादास्पद निर्णय ने क्रिकेट फैंस को निराशा किया था, जिसके बाद इस नियम में कई और बदलाव किए गए। हालांकि ये सभी नियम सुपर ओवर खेलने को लेकर हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं अगर टाई मैच होने के बाद कोई टीम सुपर ओवर खेलने से मना करती है तो उसके खिलाफ क्या निर्णय लिया जा सकता है।

हाल ही में GT20 कनाडा की लीग में खेले गए मिसिसॉगा बांग्ला टाइगर्स और टोरंटो नेशनल्स के बीच एलिमिनेटर मुकाबले में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। दरअसल बारिश के कारण मुकाबला देरी से शुरू हुआ। सुपर ओवर के लिए समय होने के कारण, शाकिब अल हसन की टीम ने खेलने से इनकार कर दिया। उन्हें मैच से पहले पता था कि अगर मैच बारिश की वजह से रद्द हो गया तो वे क्वालीफायर 2 में पहुंच जाएंगे, क्योंकि वे लीग चरण में आगे रहे थे।

सुपर ओवर न खेलने का परिणाम
आईसीसी के नियम के अनुसार मैच के रिजल्ट के लिए प्रत्येक टीम को कम से कम पांच ओवर खेलने की आवश्यकता होती है, इसलिए जब शाकिब ने टॉस में भाग लेने से इनकार कर दिया, तो अंपायरों ने खेल को रद्द कर दिया, जिससे टोरंटो नेशनल्स क्वालीफायर 2 में आगे बढ़ गया। हालांकि अगर दोनों टीमें खेल लेती है और फिर मैच टाई हो जाता है और इस दौरान भी कोई टीम खेलने से मना करती है तो उसे हारा हुआ माना जाएगा।