नेहा (अपनी मां से)- मां, मैं अमर से शादी नहीं करुंगी।
मां- क्यों नेहा, क्या तेरी नजर में कोई और है?
नेहा- हां मां, लेकिन अभी फैसला नहीं किया है।
मां- क्या कोई परेशानी है?
नेहा- मां, मेरे प्रेमी को तो स्वर्ग-नरक में विश्वास ही नहीं है।
मां- घबरा मत नेहा, तू पहले उससे शादी कर ले। शादी के बाद उसे अपने आप स्वर्ग-
नरक में विश्वास हो जाएगा।😜😂😂😂😛🤣
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लेखक (अपने मित्र से) : मुझे ऐसा लगता है कि सभी प्रकाशकों ने मिलकर मेरे विरुध्द
षडयंत्र रच रखा है।
मित्र : आपको ऐसा क्यों लगता है? आपके पास कोई प्रमाण है।
लेखक : हां, मेरे पास प्रमाण है। मेरे एक उपन्यास को दस प्रकाशकों ने बिना छापे
वापस कर दिया है।😜😂😂😂😛🤣
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कैसी रही तुम्हारी हनीमून? एक मालती ने अपनी सहेली नेहा से पूछा।
नेहा ने परेशान स्वर में कहा- मेरी तो जान पर बन आई है।
मालती- अरे, कैसे क्या हुआ?
नेहा- ऊपर-नीचे, ऊपर-नीचे….? और फिर थकान से चूर ! गहरी सांसे!
मालती- तो फिर इसमें बुरा क्या है? तू क्या भजन करना चाहती थी
नेहा- अरे यार! तू गलत समझ रही है। मैं कश्मीर की घाटियों में चढाई-उतार के साथ
स्केटिंग करने की पति की जिद भी पूरी करने की बात कर रही हूं।😜😂😂😂😛🤣