किडनी हमारे शरीर का एक बेहद महत्वपूर्ण अंग है, जो खून को साफ करता है और बेकार पदार्थों को पेशाब के जरिए बाहर निकालता है। लेकिन जब किडनी में बैक्टीरिया या वायरस पहुँच जाता है, तो किडनी इंफेक्शन हो सकता है। यह इंफेक्शन एक या दोनों किडनियों को प्रभावित कर सकता है। किडनी इंफेक्शन, जिसे मेडिकल भाषा में पायलोनेफ्राइटिस कहा जाता है, मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) का एक प्रकार है। आइए जानें कि किडनी इंफेक्शन के क्या-क्या लक्षण हो सकते हैं।
किडनी इंफेक्शन के मुख्य लक्षण
उल्टी या मतली होना, साथ में बुखार
बार-बार पेशाब जाना
पेशाब में खून या पपड़ी जैसा पदार्थ आना
दस्त या सेप्सिस (खून में संक्रमण)
पीठ, बाजू या कमर में तेज दर्द
कंपकंपी या ठंड लगना
पेट में जलन या दर्द महसूस होना
पेशाब से बदबू आना
शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होना
भूख कम लगना
बीमार जैसा महसूस होना
किडनी इंफेक्शन क्यों होता है?
किडनी इंफेक्शन किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन महिलाओं में इसकी संभावना अधिक होती है। साथ ही 60-65 वर्ष के पुरुषों को भी यूटीआई के बाद किडनी इंफेक्शन का खतरा रहता है। इसके कुछ मुख्य कारण हैं:
मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई)
किडनी स्टोन (पथरी)
गर्भावस्था के दौरान
डायबिटीज
टॉयलेट कैथेटर लगना
पुरुषों में बढ़ा हुआ प्रोस्टेट
शारीरिक संबंध के दौरान संक्रमण
कमजोर इम्यून सिस्टम या किसी बीमारी के कारण
रीढ़ की हड्डी की चोट या नर्व डैमेज
वेसिकोयूरेटरल रिफ्लक्स (मूत्राशय से किडनी में पेशाब का वापस जाना)
किडनी इंफेक्शन से बचाव के तरीके
किडनी इंफेक्शन से बचने के लिए सबसे जरूरी है मूत्र मार्ग संक्रमण (यूटीआई) से बचाव। इसके लिए आप ये सावधानियां अपनाएं:
दिनभर में खूब पानी पिएं ताकि पेशाब के जरिए बैक्टीरिया बाहर निकलें
शारीरिक संबंध के बाद तुरंत टॉयलेट जाएं
प्रजनन स्वास्थ्य (सेफ्टी) का ध्यान रखें
जननांगों को हमेशा आगे से पीछे की ओर साफ करें
पेशाब आने पर उसे रोकें नहीं, तुरंत निकालें
निजी हिस्सों को साफ और स्वच्छ रखें
कब्ज की समस्या से बचें और जरूरत हो तो उसका इलाज कराएं
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