आजकल की लाइफस्टाइल और खानपान के साथ बिजी शेड्यूल से बालों का झड़ना नॉर्मल हो गया है. हर किसी का रोजाना कुछ न कुछ बाल झड़ते हैं और फिर नए बाल उग आते हैं. लेकिन चिंता तब बढ़ जाती है, जब बालों का झड़ना काफी ज्यादा हो जाता है. इसलिए यह समझना सबसे ज्यादा जरूरी है कि जो बाल झड़ रहे हैं वो नॉर्मल हैं या नहीं. तो चलिए जानते हैं कब हेयर फॉल को लेकर अलर्ट हो जाना चाहिए…
कैसे जानें हेयर फॉल नॉर्मल है
एक शख्स के 50 से 100 बाल हर दिन झड़ते हैं. उनकी जगह नए बाल भी उग आते हैं. इससे बालों के झड़ने और उगने के बीच संतुलन बना रहता है. जब नॉर्मल हेयर फॉल होता है, तब बाल सिर में बराबर संख्या में गिरते हैं. नॉर्मल हेयर फॉल में न बाल पतले और कमजोर होते हैं और ना ही गंजेपन की समस्या का सामना करना पड़ता है.
कैसे समझें बाल झड़ना नॉर्मल नहीं है
नहाते समय अगर ज्यादा बाल झड़ रहे हैं तो यह नॉर्मल नहीं है.
सोते समय तकिए पर बहुत ज्यादा बाल गिरना असामान्य माना जाता है.
बालों का पतला होना और सिर के ऊपरी हिस्से में अगर बाल लगातार कम हो रहे हैं तो यह नॉर्मल हेयर फॉल नहीं है.
बालों के दो हिस्सों में बांटते हुए अगर हेयर लाइन यानी मांग में ज्यादा गैप नजर आए तो यह असामान्य है.
स्कैल्प गंदे या सिर में डैंड्रफ होने से बाल तेजी से झड़ते हैं.
बालों के झड़ने के साथ अगर स्कैल्प में और हेयर फॉलिकल्स में दर्द हो तो यह गंभीर समस्या की तरफ संकेत हो सकता है.
बालों के टेक्सचर में बदलाव होने पर यानी बालों का ज्यादा ड्राई होना और आसानी से टूटना असामान्य हेयर फॉल हो सकता है.
हेयर फॉल नॉर्मल न होने के कारण
बालों का पतला होना और गंजेपन की शिकायत फैमिली हिस्ट्री की वजह से भी हो सकती है.
कई बार PCOS, प्रेग्नेंसी और मेनोपॉज के दौरान हार्मोंस में बदलाव के कारण असामान्य हेयर फॉल हो सकता है.
कुछ मेडिकल कंडीशन जैसे थायरॉयड डिसऑर्डर, ऑटोइम्यून डिजीज और पोषक तत्वों की कमी की वजह से भी असामान्य तौर पर बाल झड़ सकते हैं.
हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर ट्रीटमेंट और डिप्रेशन की दवाईयां खाने वालों के बाल झड़ सकते हैं.
ज्यादा स्ट्रेस लेने के कारण टेलोजन एफ्लुवियम नाम का हेयर फॉल ट्रिगर होने लगता है और हेयर फॉलिकल रूट के रेस्टिंग फेज में एंट्री कर जाते हैं जिससे बाल झड़ने लगते हैं.
टाइट पोनीटेल या बालों की अलग-अलग स्टाइल भी हेयर फॉल का कारण बन सकता है.