दिल्ली उच्च न्यायालय ने मोबाइल ऐप ‘की सुलभता संबंधी बाधाओं’ को उजागर करने वाले दो दिव्यांगों की याचिका पर बाइक-टैक्सी प्रबंधन मंच ‘रैपिडो’ से जवाब तलब किया है।
न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिव्यांग अधिकार कार्यकर्ता अमर जैन और दृष्टि बाधित बैंकर दिप्तो घोष चौधरी की याचिका पर नोटिस जारी किया। दोनों याचिकाकर्ताओं ने दावा किया है कि ऐप को छह बार अपडेट किए जाने के बावजूद उनकी एक भी समस्या का समधान नहीं किया गया है जो रैपिडो के ‘ लचर और असंवेदनशील रुख’को दिखाता है।
जैन और घोष ने याचिका में अनुरोध किया है कि अदालत ऐप आधारित कैब सुविधा को दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सुलभ बनाने का निर्देश दे। न्यायाधीश ने हालिया आदेश में कहा, ”नोटिस जारी किया जाता है, जवाब, अगर कोई है तो अगली सुनवाई से पहले जमा करें।”
याचिका में याचिकाकर्ताओं ने अनुरोध किया है कि रैपिडो के स्वामित्व वाले रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को ”उन अवरोधों’ का समाधान करने का निर्देश दिया जाए जो दैनिक आधार पर उन्हें अपने आवास से कार्यालय जाने से रोकते हैं।
याचिका में कहा गया कि दृष्टि बाधित स्वयं बुकिंग रद्द नहीं कर सकते, चालक के लोकेशन का पता नहीं लगा सकते और ऐप से चालक को संदेश नहीं दे पा रहे।
याचिका में कहा गया, ”रिट याचिका पर माननीय अदालत द्वारा नोटिस जारी किए जाने के बाद पाया गया कि याचिकाकर्ता द्वारा कई बार मोबाइल एप्लिकेशन पर आईओएस और एंड्रायड संस्करण को अपडेट किया गया।”
इसमें कहा गया, ”हालांकि, छह अपडेट होने के बावजूद, याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाए गए एक भी मुद्दे का अभी तक समाधान नहीं किया गया है, जो प्रतिवादी संख्या 1 के लचर और असंवेदनशील रवैये की ओर इशारा करता है।”
याचिकाकर्ताओं ने पिछले साल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और रैपिडो को तत्काल सुलभता ऑडिट करने, समयबद्ध तरीके से सुलभता बाधाओं का समाधान करने और व्यापक और समग्र एंड-टू-एंड सुलभता सुनिश्चित करने के निर्देश देने का अनुरोध किया था।
अदालत ने नौ नवंबर को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, दिव्यांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग और रोपेन ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज को नोटिस जारी किया और उन्हें याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। इस मामले की अगली सुनवाई अब अप्रैल में होगी।
– एजेंसी