हिबिस्कस का पौधा कई घरों में लगा होता है. चमकीले लाल रंग और सुंदर फूलों के साथ-साथ खुशबूदार पत्तियां इस पौधे को और भी ज्यादा खूबसूरत बनाती हैं, लेकिन इस फूल का उपयोग ना केवल सुंदर दिखने के लिए किया जाता है, बल्कि हिबिस्कस हमारे शारीरिक स्वास्थ के लिए भी बहुत उपयोगी होता है. हिबिस्कस का इस्तेमाल कई प्रकार की दवाईयों के लिए भी किया जाता है, जिससे कई बीमारियां ठीक की जा सकती हैं. दवाईयों के साथ-साथ इसका प्रयोग चाय बनाने में भी किया जा सकता है.
हिबिस्कस टी में प्राकृतिक रूप से पाये जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं और शरीर को मजबूत बनाते हैं. इसके अलावा कई अन्य रोगों को भी खत्म करने में ये टी मददगार साबित होती है.
घर में कैसे बनाए हिबिस्कस टी?
हिबिस्कस टी बनाने के लिए सबसे पहले फूलों को इकठ्ठा कर उन्हें धुल के सुखा लें. जब इसके फूल सूख जाएं तो पंखुड़ियों को अलग करके एक एयर-टाइट डिब्बे में रख दें. इसके बाद पानी बॉयल करें और उसमें प्रति व्यक्ति के हिसाब से हिबिस्कस की 2-3 पंखुड़ियां डाल दें. थोड़ी देर पकाने के बाद उसे कप में छान लें. इस चाय में नींबू का रस या शहद मिलाकर अपने स्वादानुसार पी सकते हैं. आप चाहें तो हिबिस्कस की पंखुड़ियों का टी बैग्स या तो इसका पाउडर बनाकर भी सेवन कर सकते हैं.
हिबिस्कस टी पीने के फायदे
हिबिस्कस टी पीने से ब्लड शुगर लेवल कम किया जा सकता है.
2022 में शोधार्थी जैमरोज़क (Jamrozik et al) ने इस फूल पर एक स्टडी की. इसके मुताबिक, हिबिस्कस टी में मौजूद पॉलीफेनोल्स एल्फा-ग्लूकोसिडेज और एल्फा-एमिलेस जैसे एंजाइमों को रोकने का काम करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल को कम किया जा सकता है. ये एंजाइम कार्बोहाइड्रेट्स को पचाने और भोजन के बाद ग्लूकोज के स्तर को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं. हालांकि, इस स्टडी पर और अध्ययन करने की आवश्यकता है.
ब्लड प्रेशर को कम करने में असरदार हो सकता है हिबिस्कस टी.
2009 में शोधार्थी मैके (McKay et al) की स्टडी ने दिखाया कि हिबिस्कस-टी में मौजूद डेल्फिनिडिन-3-संबूबिओसाइड और साइनिडिन-3-संबूबिओसाइड जैसे फ्लावोनॉइड ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं. हिबिस्कस एक वसोरिलैक्सेंट है क्योंकि यह ब्लड वेसल्स की दीवारों पर टेंशन को कम करता है इसलिए, ये ब्लड प्रेशर को कम कर सकता है. हालांकि, इस स्टडी पर और अध्ययन करने की आवश्यकता है.
कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकता है हिबिस्कस टी.
2021 में सनाधीरा एवं सहकर्मियों की स्टडी ने दिखाया कि हिबिस्कस टी में बुरे कोलेस्ट्रॉल के स्तर (कुल कोलेस्ट्रॉल, लो-घनत्व लिपोप्रोटीन और बहुत ही निम्न घनत्व लिपोप्रोटीन) को कम कर सकती है. इसके अलावा, यह अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर (उच्च-घनत्व लिपोप्रोटीन) को बढ़ा सकती है. इसका कारण हिबिस्कस टी की एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी हो सकती है. हालांकि इस स्टडी पर और अध्ययन करने की आवश्यकता है.
वेट लॉस को मैनेज कर सकता है
2007 में एफ.जे. अलार्कॉन-अगुइलर एवं सहकर्मियों (F.J. Alarcon-Aguilar et al) ने चूहों पर एक स्टडी में दिखाया कि हिबिस्कस टी में एंथोसियानिन, साइनिडिन और डेल्फिनिडिन का मौजूद होना वजन को कम कर सकता है. हिबिस्कस टी कोलेस्ट्रॉल को कम करके शरीर में चर्बी को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार गैस्ट्रिक और पैनक्रिएटिक लिपेज जैसे एंजाइम्स का विरोध करके वजन को कम कर सकता है. हालांकि इस स्टडी पर और अध्ययन करने की आवश्यकता है.
हिबिस्कस टी पीने के साईड इफेक्ट्स
एक सही मात्रा में रोज़ हिबिस्कस टी पीना सेहत के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. लेकिन ज्यादा मात्रा में हिबिस्कस टी पीने से गैस, पेट में दर्द और कब्ज़ जैसी समस्याएं हो सकती हैं. अगर हिबिस्कस टी पीने से आप ऐसी कोई समस्या महसूस करते हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें.
इन बातों का भी ख्याल रखें
कोई महिला प्रेगनेंट या ब्रेस्ट फीडिंग पर है तो हिबिस्कस टी पीने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
सर्जरी के बाद हिबिस्कस टी पीने से ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करना असान नहीं होता, इसलिए सर्जरी से कुछ दिन पहले से ही हिबिस्कस टी ना पीने की सलाह दी जाती है.
अगर आपको कोई बीमारी पहले से है तो हिबिस्कस टी पीने से पहले ध्यान दें या तो डॉक्टर से संपर्क करें.
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