ऑलराउंडर स्नेह राणा ने रविवार को यहां कहा कि भारत और आस्ट्रेलिया के बीच एकमात्र महिला टेस्ट के तीसरे दिन कप्तान हरमनप्रीत कौर का स्पैल निर्णायक मोड़ (टर्निंग प्वाइंट) रहा। भारत ने यह टेस्ट आठ विकेट से जीता।
ऑस्ट्रेलिया की बल्लेबाजों के दूसरी पारी में अच्छे प्रदर्शन के बाद हरमनप्रीत ने तीसरे दिन अंतिम सत्र में स्वयं गेंदबाजी करने का फैसला किया और ताहलिया मैकग्रा (73) तथा एलिसा हीली (32) को आउट किया। पहली पारी में 187 रन से पिछड़ी ऑस्ट्रेलिया की टीम दिन का खेल खत्म होने तक सिर्फ 46 रन से आगे थी जबकि उसके सिर्फ पांच विकेट बचे थे। चौथे दिन दूसरी पारी में पांच विकेट पर 233 रन से आगे खेलते हुए ऑस्ट्रेलिया को भारत ने 261 रन पर आउट कर दिया और फिर 75 रन के लक्ष्य को दो विकेट गंवाकर आसानी से हासिल कर लिया।
टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया पर भारत की पहली जीत के बाद मैच में निर्णायक मोड़ के बारे में पूछे जाने पर स्नेह ने संवाददाताओं से कहा, ”हम ज्यादा नहीं सोच रहे थे और वर्तमान में रहना चाहते थे। हरमनप्रीत के दो विकेट निर्णायक मोड़ थे।” स्नेह ने भारतीय कप्तान हरमनप्रीत से सहमति जताई कि टीम के मजबूत प्रदर्शन में मुख्य कोच अमोल मजूमदार की अहम भूमिका थी।
स्नेह ने कहा, ”जैसा कि हरमनप्रीत ने कहा, टीम में उनकी अहम भूमिका थी। वह बहुत अनुभवी खिलाड़ी रहे हैं और उनके सभी सुझाव अच्छे रहे।” उन्होंने कहा, ”हमने इसका पालन करने की कोशिश की है और इसका नतीजा पिछले दो टेस्ट मैच में देखा जा सकता है। हम बहुत आभारी हैं कि वह एक कोच के रूप में आए हैं। भविष्य में भी हमें उम्मीद है कि हम उनके मार्गदर्शन में अच्छा प्रदर्शन करते रहेंगे।”
चौथे और अंतिम दिन स्नेह, राजेश्वरी गायकवाड़ और दीप्ति शर्मा की शानदार स्पिन गेंदबाजी के सामने ऑस्ट्रेलिया ने 28 रन पर पांच विकेट खो दिए। स्नेह ने कहा कि वे सभी मैदान पर चर्चा के दौरान एक-दूसरे का साथ देती हैं जिसने उनके पक्ष में काम किया। उन्होंने कहा, ”जब हम मैदान में होते हैं तो हम आपस में खूब बातें करने की कोशिश करते हैं और धैर्य बनाए रखते हैं।”
स्नेह ने कहा, ”हमारे में से प्रत्येक अपने-अपने मजबूत पक्षों के अनुसार खेलता है और हम इस बारे में चर्चा करते हैं कि किस तरह की गेंद पर मदद मिल रही है और आपको बल्लेबाज को कैसी गेंदबाजी करनी है।” स्नेह कहा कि भारतीय टीम के लिए टेस्ट मुकाबलों की कमी को देखते हुए चीजों को सरल रखना जरूरी था।
उन्होंने कहा, ”तैयारियां सरल थीं, हमें बहुत अधिक प्रयोग करने की आवश्यकता नहीं थी क्योंकि लाल गेंद वाला क्रिकेट एक लंबा मुकाबला है। हमने इसे सरल रखा, हम धैर्यवान थे और मैं हमेशा अपने मजबूत पक्षों के अनुसार गेंदबाजी के लिए तैयार थी। मैं अपने मजबूत पक्षों पर भरोसा करती हूं और इन दो मैचों में मैंने ऐसा ही करने की कोशिश की।”
दूसरी पारी में चार विकेट सहित टेस्ट में सात विकेट चटकाने वाली स्नेह ने कहा कि उनके लिए अपनी भावना को जाहिर करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा, ”टीम के लिए योगदान देना एक अद्भुत अहसास है। इस अहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल है। यह (टीम की जीत) बहुत मायने रखती है क्योंकि टेस्ट भारत में हो रहा है और वह भी इतने वर्षों के बाद।”
– एजेंसी