आज के दौर में ग्रीन टी का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है.ये चाय से अलग होता है जो हेल्थ के लिए अच्छा होता है. जिन लोगों को वजन कम करना होता है वो लोग अपने डाइट में ग्रीन टी को तो जरूर ही शामिल करते हैं. ये मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है.
एंटीऑक्सीडेंट का बेहतरीन स्रोत है, ये तनाव को कम करती है और रिफ्रेश फील कराती है, हालांकि कुछ लोगों के लिए यह नुकसानदायक भी साबित हो सकता है, कुछ ऐसे हेल्थ कंडीशन में लोगों को ग्रीन टी पीने की मनाही की जाती है..
जो लोग एंजाइटी से परेशान रहते हैं उन्हें भूल से भी ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ग्रीन टी में कैफीन होता है जो एंजाइटी को बढ़ा सकता है दिल की धड़कन तेज हो सकती है और नींद ना आने की भी समस्या हो सकती है, इसलिए या तो इसका सेवन ही ना करें या फिर बहुत ही कम मात्रा में करें.
ग्रीन टी में मौजूद टैनिन पेट में एसिड को बढ़ा सकते हैं जिससे पेट दर्द कब्ज उल्टी हो सकती है.पेप्टिक अल्सर या एसिड रिफ्लेक्स से ग्रस्त लोगों के लिए ग्रीन टी सही नहीं है.वहीं खाली पेट ग्रीन टी नहीं पीनी चाहिए, खाने के बाद या खाने के बीच में ग्रीन टी पी सकते हैं.
माना जाता है कि ग्रीन टी खाद्य पदार्थों से आयरन के अवशोषण को घटा देती है, ज्यादा मात्रा में ग्रीन टी लेना घातक हो सकता है. एनीमिया से पीड़ित लोगों को ग्रीन टी का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे आपकी समस्या बढ़ सकती है. क्योंकि आप पहले से ही आयरन की कमी से जूझ रहे हैं और ग्रीन टी का सेवन इसके अवशोषण को और घटा देगी तो समस्या जटिल हो सकती है.एक स्टडी की रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीन टी का अर्क 25 फिसदी नॉन हीम आयरन के अवशोषन को घटा देता है
ग्रीन टी में कैफीन, कैटेचिन और टैनिन की मात्रा होती है, यह तीनों पदार्थ में प्रेगनेंसी में जोखिम बढ़ा सकते हैं. अगर गर्भवती है या दूध पिलाती है तो दिन भर में एक या दो कप से ज्यादा ग्रीन टी पीना आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इससे मिसकैरेज का खतरा भी हो सकता है, वहीं दूध में मिलकर कैफीन आपके बच्चे को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
अगर आप माइग्रेन से ग्रस्त हैं तो ग्रीन टी का सेवन ना करें, ग्रीन टी में मौजूद कैफीन माइग्रेन का कारण बन सकता है,अगर आप दिन भर में दो-तीन सबसे ज्यादा ग्रीन टी का सेवन करते हैं तो इससे आपका सिर दर्द बढ़ सकता.
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