भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कई परियोजनाओं पर नजर रखकर विकास को बढ़ावा देने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया है और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 2014 के बाद से, उससे पहले के 10 वर्षों की तुलना में दोगुने उपग्रह प्रक्षेपित किए हैं।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था अब आठ अरब डॉलर की है और इसमें 45,000 लोग काम करते हैं।
पुरी ने भरोसा जताया कि यह क्षेत्र अगले 15 साल में 100 अरब डॉलर पर पहुंच जाएगा और इसकी वैश्विक हिस्सेदारी मौजूदा दो प्रतिशत से बढ़कर 10 प्रतिशत हो जाएगी।
पुरी ने शहरी विकास, बुनियादी ढांचा कार्य और मनरेगा से जुड़ी कई परियोजनाओं पर नजर रखने के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को श्रेय दिया और कहा कि इससे विकास को बढ़ावा मिला है।
उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के खुलने से इस क्षेत्र में 195 स्टार्टअप शुरू हुए हैं और भारतीय उपग्रह विनिर्माण एक साल में 3.2 अरब डॉलर का हो गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत अब एंड-टू-एंड तकनीक के साथ अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले देशों में पांचवें स्थान पर है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने के अपने मिशन में सफल होगा।
उन्होंने कहा कि रूस के असफल चंद्र मिशन की लागत 16,000 करोड़ रुपये से अधिक थी जबकि भारत के सफल चंद्रयान मिशन की लागत केवल 600 करोड़ रुपये थी।
– एजेंसी