नयी दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): उत्तर प्रदेश को देश के विकास का ग्रोथ इंजन बताते हुये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को यहां कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में प्रदेश एक प्रगतिशील परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है।
राष्ट्रीय राजधानी के सुषमा स्वराज प्रवासी भारतीय भवन में आयोजित उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (जीआईएस-2023) की कर्टेन रेज़र सेरेमनी में श्री योगी ने दुनिया भर के औद्योगिक निवेशकों को उत्तर प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया। जीआईएस 2023 के लोगो का अनावरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश आज एक प्रगतिशील परिवर्तनकारी यात्रा के शिखर पर है।
उन्होंने कहा कि भारत को पांच हजार अरब (पांच ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था का देश बनाने के प्रधानमंत्री मोदी के विजन का अनुकरण करते हुए उत्तर प्रदेश ने अपने लिए दस खरब डालर का लक्ष्य रखा है। इस क्रम में राज्य सरकार 10 से 12 फरवरी, 2023 तक लखनऊ में एक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन कर रही है, ताकि राज्य में उपलब्ध असीम व्यावसायिक अवसरों से देश और दुनिया लाभान्वित हो सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इन्वेस्टर्स समिट वैश्विक औद्योगिक जगत को आर्थिक विकास में सहयोग करने के लिए एक एकीकृत मंच प्रदान करने में उपयोगी सिद्ध होगा। तीन दिवसीय वैश्विक सम्मेलन में विश्व स्तर के नीति निर्धारकों, कॉर्पोरेट जगत के शीर्ष नेतृत्व, व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों, एकेडेमिया, विचार मंच एवं प्रबुद्धजनों द्वारा प्रतिभाग किया जाएगा तथा सामूहिक रूप से व्यावसायिक संभावनाओं एवं सहभागिता के अवसरों पर मंथन किया जाएगा। बड़े उद्देश्य वाले इस विशिष्ट आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश दुनिया भर के निवेशकों को आमंत्रित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इस बार इस समिट के माध्यम से प्रदेश ने 10 लाख करोड़ रूपये के वैश्विक निवेश का लक्ष्य रखा है। समिट की अब तक की तैयारियों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समिट के भव्य आयोजन में हमारे साथ भागीदारी करने के लिए अब तक लगभग 21 देशों ने उत्साह जताया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नीदरलैंड, डेनमार्क, सिंगापुर, यूनाइटेड किंगडम और मॉरीशस ने हमारे साथ पार्टनर कंट्री के रूप में सहभागिता करेंगे।
इसके अलावा, दुनिया भर के औद्योगिक निवेशकों को समिट में आमंत्रित करने के लिए प्रदेश सरकार भी 18 देशों एवं देश के सात प्रमुख नगरों में रोड-शो भी आयोजित कर रही है। विभिन्न देशों के राजदूतों/उच्चायुक्तों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा “ आप सभी आएं, भागीदारी करें तथा ग्लोबल समिट को सफल बनाएं।” उन्होंने सार्वजनिक क्षेत्र की प्रतिष्ठित इकाइयों के शीर्ष प्रबंधन एवं केन्द्र सरकार के अधिकारियों के सहयोग के लिए भी आभार जताया।
योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने पिछले कुछ वर्षों में सक्षम नीतिगत समर्थन एवं विश्वस्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करके अपने कारोबारी माहौल में बड़े पैमाने पर सुधार किया है। प्रोएक्टिव इनवेस्टर कनेक्ट तथा हैंडहोल्डिंग के लिए सरकार ने समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने एवं उनके कार्यान्वयन की निगरानी के लिए ‘निवेश सारथी’ के नाम एक नई ऑनलाइन प्रणाली विकसित की है, साथ ही एक ऑनलाइन प्रोत्साहन प्रबंधन प्रणाली भी विकसित किया गया है।
प्रदेश की नवीनतम औद्योगिक नीति एवं क्षेत्रीय नीति से परिचय कराते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने आईटी/आईटीईएस, डेटा सेंटर, ईएसडीएम, डिफेंस एवं एयरोस्पेस, इलेक्ट्रिक वाहन, वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, टेक्सटाइल, एमएसएमई, आदि सहित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने के लिए लगभग 25 नीतियों को तैयार करके नीति संचालित शासन के माध्यम से औद्योगिक विकास के लिए एक समय पारिस्थितिकी तंत्र बनाने की दिशा में अनेक सुधारात्मक कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि इस प्रमुख निवेश शिखर सम्मेलन के माध्यम से राज्य सरकार का ध्येय निवेशक समुदाय के बीच उत्तर प्रदेश के निवेश आकर्षण को सुदृढ़ करने एवं राज्य के सर्वसमावेशी विकास हेतु अवसरों के सृजन करने की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रणनीतिक रूप से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के निकट स्थित उत्तर प्रदेश आकार में भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है हमारे राज्य में 24 करोड़ नागरिक निवास करते हैं, जो इसे भारत का सबसे बड़ा श्रम एवं उपभोक्ता बाजार बनाते हैं। उत्तर प्रदेश सरकार वायु, जल, सड़क एवं रेल नेटवर्क के माध्यम से निर्बाध कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए त्वरित गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, जिससे उद्योगों को वैश्विक एवं घरेलू बाजार तक पहुंच बनाने में लॉजिस्टिक्स की सुलभता में वृद्धि होगी।
भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में से एक होने के नाते, उत्तर प्रदेश, राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में लगभग आठ प्रतिशत का योगदान करता है। हमने अपनी नीतियों में संरचनात्मक परिवर्तन करके एक प्रतिस्पर्धी, आकर्षक एवं सहायक प्रोत्साहन ढांचा प्रदान किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की नई औद्योगिक नीति एक विकल्प आधारित मॉडल प्रदान करती हैं, जो उत्पादन, रोजगार एवं निर्यात को प्रोत्साहित करती है। यही नहीं हम सर्कुलर इकॉनमी और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए क्षेत्रों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में अनेक औद्योगिक परियोजनाओं पर काम कर रही है। रक्षा औद्योगिक गलियार का उतर प्रदेश में विकसित किया जा रहा है। इसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश में आगरा, अलीगढ़, कानपुर, लखनऊ, झासी एवं चित्रकूट में से अलीगढ़ नोड का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पहले ही किया जा चुका है, जबकि अन्य नोड्स में भूमि आवंटन प्रगति पर है।
-एजेंसी/वार्ता
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