अदरक-मुलेठी की चाय फेफड़ों की कई परेशानियां दूर कर सकती है,जानिए

भारतीय रसोई में ऐसी कई जड़ी बूटियां और मसाले मौजूद होते हैं, जिनके इस्तेमाल से स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियों का निदान हो सकता है. यही नहीं, ये हमें भीतर से पोषण देने में भी मदद करते हैं. हर रसोई में कुछ कॉमन इनग्रेडिएंट्स होते हैं, जिनमें अदरक और मुलेठी शामिल हैं. ये दोनों चीज़ें आपको ज्यादातर इंडियन कीचन में मिल जाएंगी. अदरक और मुलेठी दोनों में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं.

अदरक और मुलेठी का आपने अलग-अलग घरेलू नुस्खों में इस्तेमाल किया होगा और इसके कई फायदों से आप बखूबी वाकिफ होंगे. मगर क्या आपने कभी अदरक-मुलेठी की चाय की चुस्कियां ली हैं? क्या आप इस चाय के फायदों के बारे में जानते हैं? अगर नहीं? तो आज हम आपको इस चाय के फायदों के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि इस चाय को कैसे तैयार किया जाए.

अदरक में एंटी-इंफ्लेमेटरी क्वालिटी होती है, जो फेफड़ों में सूजन को कम करने में हेल्प कर सकती है. सूजन अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसे- लंग्स से जुड़ी बीमारियों के विकास में योगदान दे सकती है

अदरक फेफड़ों में कफ को जमने से रोकने में मदद कर सकता है. इससे खांसी को दूर करना भी आसान हो जाता है.

अदरक में एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो बैक्टीरिया, वायरस और फंगी की वजह से होने वाले रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से लड़ने में मदद कर सकते हैं. रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है और सांस से जुड़ी पुरानी बीमारियां वापस आ सकती हैं.

अदरक में ऐसे कंपाउंड्स होते हैं, जिनमें एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इम्यून सिस्टम को बढ़ावा देने और रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन से बचाने में हेल्प कर सकते हैं.

अदरक में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो फेफड़ों को ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस से बचाने में हेल्प कर सकते हैं. ऑक्सीडेटिव स्ट्रैस अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज जैसी फेफड़ों की बीमारियों के विकास का कारण बन सकता है.

मुलेठी में Glycyrrhizin पाया जाता है, जिसे एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों के लिए जाना जाता है. ये एयरवे में सूजन को कम करने में हेल्प कर सकता है. जिसकी वजह से सांस लेना आसान हो जाता है.

मुलेठी में एक्सपेक्टोरेंट गुण होते हैं, जो फेफड़ों से कफ को बाहर निकालने में मदद कर सकते है. ये ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी परेशानियों में मददगार साबित हो सकते हैं.

मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो फेफड़ों को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में हेल्प करते हैं. इससे फेफड़े के टीशू को नुकसान पहुंच सकता है.

मुलेठी में एंटी-वायरल गुण पाए गए हैं, जो सर्दी और फ्लू जैसे रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन को रोकने में हेल्प कर सकते हैं.

मुलेठी में इम्यून-मॉड्यूलेटरी गुण पाए जाते हैं. ये इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने में काफी हेल्प कर सकते हैं. इतना ही नहीं, ये इन्फेक्शन को रोकने और फेफड़ों में सूजन को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं.

अदरक-मुलेठी चाय फेफड़ों को हेल्दी रखने में आपकी काफी मदद कर सकती है. इस चाय को बनाने के लिए आपको सबसे पहले एक पैन में पानी उबालना है और फिर इसमें चायपत्ती, मुलेठी और कद्दूकस किया हुआ अदरक डालना है. आप चाहें तो थोड़ी सी चीनी या गुड़ भी मिला सकते हैं. इसके बाद कुछ देर तक इसे अच्छे से पकाना है. इसके पक जाने के बाद इसे कप में छान लें. फिर अदरक-मुलेठी चाय का लुत्फ उठाएं.

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