लहसुन दुनियाभर में सबसे ज्यादा खाया जाता है. वेज खाना हो या फिर नॉन-वेज पकवान, शायद ही कोई ऐसा भोजन होगा, जिसमें लहसुन का इस्तेमाल नहीं होता है. लहसुन न सिर्फ किसी डिश का स्वाद बढ़ाता है, बल्कि इसके शानदार औषधीय गुणों के साथ इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि बेहतर स्वास्थ्य के लिए लहसुन को भोजन में शामिल करना चाहिए.
वहीं, अगर आप कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं, तो लहसुन आपके लिए ‘संजीवनी’ साबित हो सकता है. कोलेस्ट्रॉल पर लहसुन के प्रभावों का पता लगाने के लिए कई स्टडीज की गई हैं. नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, लहसुन की फली को काटते समय हवा के संपर्क में आने पर उसमें मौजूद थियो-सल्फेंट रसायन एलिसिन में परिवर्तित हो जाता है, जिसका इस्तेमाल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने के लिए किया जाता है.
लहसुन से बनी अलग-अलग चीजें कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने का काम करते हैं. लहसुन को एलिसिन से भी अजीब गंध मिलती है. जिससे कई सारे फायदे होते हैं. इसमें एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करना, इम्यून सिस्टम में सुधार करने में मदद करना और ब्ल्ड प्रेशर घटाने में हेल्प करना शामिल है.
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए सबसे अच्छे टाइप के लहसुन में शामिल हैं:
यह गहरे भूरे या काले रंग का होता है और कई दिनों तक कम गर्मी और उच्च आर्द्रता में लहसुन की कलियों को पुराना करके बनाया जाता है.
इस प्रकार के लहसुन को बहुत कम आंच में पकाया जाता है और दो साल तक स्टोर किया जाता है.
यह अपने प्राकृतिक रूप में होता है और अच्छे रिजल्ट के लिए सुबह खाली पेट खाकर इसका सेवन किया जाता है.
यह तेल कुचले हुए लहसुन को भाप देकर बनाया जाता है.
एक स्टडी के अनुसार, काले लहसुन का अर्क एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बहुत कम करता है और एचडीएल के स्तर को बढ़ाता है.
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