शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि मराठा आरक्षण के मुद्दे पर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में ‘‘गैंगवार जैसी’’ स्थिति पैदा हो गयी है।
राउत ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुये कहा कि शीर्ष पर एक ‘कमजोर’ एवं ‘अस्थिर’ सरकार होने के कारण समाज जातिगत आधार पर विभाजित हो गया है।
हालांकि, राज्य के मंत्री शंभुराज देसाई ने राउत की टिप्पणियों को ‘‘हास्यास्पद’’ बताते हुए खारिज कर दिया और दावा किया कि शिवसेना (यूबीटी) नेता केवल अफवाह फैलाना जानते हैं और उनके पास विकास का कोई दृष्टिकोण नहीं है।
राउत ने कहा, ‘‘मंत्रियों पर मुख्यमंत्री का जोर नहीं है, जिसके कारण वे एक-दूसरे की नाक में दम कर रहे हैं। स्थिति ऐसी है कि मंत्री एक-दूसरे को पीट सकते हैं। कैबिनेट में गैंगवार जैसी स्थिति है।’’
राउत प्रदेश सरकार के मंत्रियों छगन भुजबल और शंभुराज देसाई के बीच हालिया वाकयुद्ध का जिक्र कर रहे थे।
प्रमुख ओबीसी नेता भुजबल ने सोमवार को कहा कि ओबीसी श्रेणी के तहत मराठा समुदाय को आरक्षण देने के ‘‘पिछले दरवाजे’’ के प्रयासों का विरोध किया जाएगा। बाद में, देसाई ने भुजबल की टिप्पणियों की आलोचना की थी।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को मराठा आरक्षण पर अपने कैबिनेट सहयोगियों द्वारा दिए गए विरोधाभासी बयानों पर नाराजगी जतायी थी और उनसे भावनात्मक मुद्दे पर सावधानी बरतने का आग्रह किया।
राउत ने कहा कि महाराष्ट्र ने कभी ऐसी स्थिति नहीं देखी जब समाज जाति के आधार पर इतना बंटा हुआ हो।
उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल ने मराठा आरक्षण के मुद्दे के समाधान के लिए 24 दिसंबर की समय सीमा दी है और मुंबई को ‘ठप’ करने की धमकी दी है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा, ‘‘अगर मुख्यमंत्री ने इस धमकी को गंभीरता से नहीं लिया तो महाराष्ट्र की छवि खराब हो जाएगी।’’
इस बीच, देसाई ने राउत की ‘‘गैंगवार जैसी स्थिति’’ वाली टिप्पणी को हास्यास्पद करार दिया।
पत्रकारों के एक सवाल पर देसाई ने दावा किया, ‘‘यह आश्चर्य की बात है कि चार बार का सांसद ऐसी भाषा बोलता है। अगर राउत ऐसी जानकारी पर भरोसा करते हैं तो वह मुसीबत में पड़ सकते हैं।’’
– एजेंसी