बिहार के समस्तीपुर जिले के छोटे से कस्बे ताजपुर से निकलकर वैभव सूर्यवंशी ने वो कर दिखाया है, जो बड़े-बड़े क्रिकेटर्स का सपना होता है। मात्र 14 साल की उम्र में उन्होंने आईपीएल में शतक जड़कर इतिहास रच दिया। आज वह क्रिकेट के किसी भी फॉर्मेट में शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बन चुके हैं।
जब राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 1.1 करोड़ रुपये में खरीदा था, तब लोग चौंक गए थे। लेकिन वैभव ने अपने प्रदर्शन से यह साबित कर दिया कि वह भरोसे के काबिल हैं।
पान की दुकान से जुड़ी एक भावुक कहानी
वैभव के गांव के मोड़ पर एक पान की दुकान है, जो किसी और की नहीं बल्कि उनके बचपन के जिगरी दोस्त दिव्यांशु की है। दोनों ने साथ में क्रिकेट खेलने का सपना देखा था, लेकिन किस्मत ने दोनों को अलग राहों पर डाल दिया।
जहां वैभव ने अंतरराष्ट्रीय पहचान बना ली, वहीं दिव्यांशु अब उसी गांव में पान की दुकान चलाकर जीवन यापन कर रहा है।
दिव्यांशु का कहना है,
“सपना तो मेरा भी क्रिकेटर बनने का था, लेकिन किस्मत वैभव जैसी नहीं थी।”
इस कहानी ने गांववालों की आंखें नम कर दी हैं, लेकिन दिव्यांशु आज भी अपने दोस्त की कामयाबी पर बेहद गर्व करता है।
गांव में जश्न का माहौल, उम्मीदों की उड़ान
वैभव सूर्यवंशी की कामयाबी पर ताजपुर गांव में मिठाइयां बांटी जा रही हैं और बधाइयों का तांता लगा हुआ है। उनके परिवार, कोच, दोस्तों और साथ खेलने वाले सभी लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। गांववालों को पूरी उम्मीद है कि जल्द ही वैभव को टीम इंडिया में खेलने का मौका मिलेगा और तब गांव का जश्न और भी भव्य होगा।
12 साल की उम्र में रणजी डेब्यू, अब IPL में धमाल
वैभव ने मात्र 12 साल की उम्र में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया था। उसके बाद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार प्रदर्शन करते हुए भारतीय अंडर-19 टीम में जगह बनाई। और अब आईपीएल में धमाकेदार प्रदर्शन कर उन्होंने खुद को भविष्य का स्टार घोषित कर दिया है।
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