हर घर में इस्तेमाल होने वाला अदरक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है. औषधीय गुणों से भरपूर अदरक सर्दियों में इस्तेमाल होने वाली एक हेल्दी जड़ी-बूटी है. अदरक में एंटीबैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-वायरल गुण होते हैं, जो सर्दी-जुकाम, शरीर की सूजन और वायरल इन्फेक्शन से बचाने में मदद कर सकता है. कई लोग चाय के साथ-साथ इसका अलग-अलग सब्जियों में भी इस्तेमाल करते हैं. अदरक कई स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए प्रभावी माना जाता है.
कई लोग इसका सूखाकर सेवन करना ज्यादा फायदेमंद मानते हैं, जबकि कुछ लोग ताजे अदरक का इस्तेमाल करना सही मानते हैं. दरअसल अदरक का दोनों ही रूपों में स्वाद कमोबेश एक जैसा ही रहता है. आयुर्वेद एक्सपर्ट रेखा राधमोनी के मुताबिक, सूखा अदरक कई मायनों में ताजे अदरक से बेहतर साबित हो सकता है.
सूखे अदरक वात को कम करने में मददगार साबित हो सकते हैं. जबकि ताजा अदरक के सेवन से वात से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं. सूखा अदरक वात को बैलेंस करने में मदद करता है. अगर आप गैस या ब्लोटिंग से परेशान हैं, तो ताजा अदरक चबाना या ताजे अदरक की चाय पीना आपके लिए उतना फायदेमंद साबित नहीं होगा.
सूखे अदरक में मिड-लैक्सेटिव गुण होते हैं, जो कब्ज के इलाज के लिए अच्छे माने जाते हैं. अगर आपको सुबह मलत्याग करने में दिक्कत महसूस होती है तो एक गिलास सूखे अदरक का पानी जरूर पिएं. सूखे अदरक का पानी तैयार करना बिल्कुल भी मुश्किल नहीं है.
सूखे अदरक का एक फायदा ये भी है कि इसमें स्निग्धा का गुण होता है, जो इसे लंबे वक्त तक इस्तेमाल के लिए अच्छा बनाता है. वहीं ताजे अदरक में रूखा गुण होता है, जिसकी वजह से इसका कभी-कभार ही इस्तेमाल करना चाहिए.
सूखा अदरक कफ (kapha) को कम करने वाला होता है, जो इसे सीज़नल फ्लू, जुकाम, खांसी और अपर-रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट की परेशानियों से निपटने के लिए एक अच्छा ऑप्शन बनाता है. ताजा अदरक इस उद्देश्य को पूरा नहीं कर सकता, क्योंकि ये कफ को बढ़ाता है.
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