Lucknow: UP Chief Minister Yogi Adityanath arrives for a cabinet meeting at Lok Bhawan in Lucknow on Tuesday. PTI Photo by Nand Kumar (PTI4_18_2017_000184B)

विकसित भारत के लिए इंस्टीट्यूशन्स को इंडस्ट्री से जोड़ना होगा : मुख्यमंत्री योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए हमें अपने इंस्टीट्यूशन्स को इंडस्ट्री के साथ जोड़ना ही होगा। अगले 25 साल के लिए हमें अपना लक्ष्य तय करना होगा। जब देश की 142 करोड़ की आबादी एक स्वर से आगे बढ़ने के संकल्प के साथ उठ खड़ी होगी तो कोई कारण नहीं कि हमारा देश विकसित भारत न बने।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा स्थित बैनेट यूनिवर्सिटी के 5वें दीक्षांत समारोह में भाग लिया। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय परिसर में पौधरोपण किया। इस अवसर पर बीटेक छात्र ने मुख्यमंत्री को श्रीराम दरबार का चित्र भेंट किया।

मुख्यमंत्री ने डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारे विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह प्राचीन भारत के विश्वविद्यालय और गुरुकुलों के समावर्तन समारोह का परिवर्तित रूप है। प्राचीन भारत के विश्वविद्यालय पूरी दुनिया के स्नातकों के लिए रिसर्च और डेवलपमेंट के बेहतरीन केंद्र थे।

मुख्यमंत्री ने तैतरीय उपनिषद के श्लोक ‘सत्यं वद धर्मं चर स्वाध्यायान्मा प्रमदः’ की चर्चा करते हुए कहा कि सत्य बोलना, धर्म का आचरण करना, स्वाध्याय में आलस न करना, सत्य के मार्ग से न हटना, धर्म के मार्ग से न हटना, कुशल कार्य में किसी भी आलस से बचना, महान बनने के अवसर से न चूकना, पठन पाठन के कर्तव्य से आलस न करना, देव और पितरों के प्रति कर्तव्य से आलस्य न करना, माता, पिता, गुरुजनों और अतिथि को देवता की तरह सम्मान देना, यह हर स्नातक से भारत की अपेक्षा रहती थी। जब हम इस संस्कार के साथ डिग्री देते थे तो भारत दुनिया की बड़ी ताकत के रूप में स्थापित था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब सामान्य जीवन में जिसे हम धर्म कहते हैं वो वास्तव में धर्म नहीं है, यह मात्र उसका एक भाग हो सकता है। उपासना विधि को धर्म नहीं मान सकते। ये व्यक्तिगत कार्य है। धर्म एक व्यापक अवधारणा है, जो हमें कर्तव्यों, नैतिक मूल्यों के साथ सदाचार के मार्ग का अनुसरण करने की प्रेरणा देता है। जब-जब भारत के युवाओं ने इस मार्ग का अनुसरण किया तब भारत को दुनिया की बड़ी ताकत बनने में देर नहीं लगी।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के पंच प्रण की चर्चा करते हुए कहा कि ये हर भारतवासी का संकल्प बनना चाहिए, फिर चाहे वो जिस भी क्षेत्र में कार्य कर रहा हो। यह तभी हो पाएगा जब हम सबके सामने देश के लिए नेशन फर्स्ट का विजन हो। हमारा हर काम देश के नाम होना चाहिए। मेरा व्यक्तिगत, मेरा परिवार की भावना को देश के बाद रखना होगा।

मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इसने अपने मात्र सात साल के कार्यकाल में बहुत सी उपलब्धियों को प्राप्त किया है। यह एक विश्वस्तरीय विश्वविद्यालय बनने की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि शिक्षण संस्थाओं को अपनी लोकैलिटी के लिए जरूर प्रयास करना चाहिए। साथ ही भारत को विकसित भारत के रूप में स्थापित करना है तो इंस्टीट्यूशन्स को इंडस्ट्री से जोड़ना होगा।

उन्होंने बैनेट विश्वविद्यालय की इस बात के लिए तारीफ की कि इसके साथ 20 से अधिक इंड्स्ट्री के सीईओ जुड़े हैं, जो यहां के छात्रों को मार्गदशन दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस दौरान इंसेफेलाइटिस और कोरोना महामारी के दौरान स्पष्ट विजन, टीम वर्क और अनुभव के महत्व की चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं का मार्गदर्शन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में सबसे अधिक युवा हमारे देश में हैं और देश में भी सबसे अधिक युवा हमारे प्रदेश में है। हमें अपनी इस ताकत के साथ आगे बढ़ना होगा।

– एजेंसी