आजकल लोग मोटापे की परेशानी से जूझ रहे हैं. बेकार खानपान, खराब लाइफस्टाइल और अव्यवस्थित दिनचर्या के कारण इन दिनों मोटापा और वजन का बढ़ना तमाम लोगों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. पहले कोरोना महामारी के चलते लगे लॉकडाउन के कारण लोग घर की चारदीवारी में बंद होने पर मजबूर हुए और अब तापमान में गिरावट की वजह से ज्यादातर लोग अपने घरों में कैद हैं. कई लोग ऐसे भी हैं, जो वर्क फ्रॉम होम के कारण रोजाना एक्सरसाइज और योग पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं.
कई तरह की रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि डायबिटीज और हार्ट प्रॉब्लम के अलावा जो लोग मोटापे से परेशान हैं, उनमें इम्युनिटी से जुड़ी परेशानियों का खतरा ज्यादा होता है. ऐसे में अपना ख्याल रखना बहुत जरूरी हो है, खासकर सर्दियों के मौसम में. शरीर में जमने वाले एक्सट्रा फैट को खत्म करने के लिए योगासन के साथ-साथ हेल्दी फूड की आदत डालना काफी फायदेमंद साबित होता है.
सर्दियों में वजन बढ़ने के तीन प्रमुख कारण होते हैं, जिनमें से पहला- ज्यादा कैलोरी वाला खाना खाना. सर्दियों के मौसम में चाय, परांठा, हलवा और पकौड़े सभी को बहुत पसंद होते हैं. हालांकि इसके सेवन से शरीर में वजन और मोटापे की समस्या पैदा हो जाती है. दूसरा कारण है- बॉडी का एक्टिव न रहना. जबकि तीसरा बड़ा कारण- सर्दियों की लंबी रातें होती हैं. क्योंकि हमारे सोने का समय बढ़ जाता है और ज्यादा सोना ही हमारे शरीर को प्रभावित करता है.
हाई कैलोरी वाला खाना
विटामिन-D की कमी
ज्यादा सोना और इनएक्टिव रहना
सर्दियों में व्यायाम की कमी
एक्सरसाइज न करना
वजन को कम करने के लिए ‘प्राणायाम’
कपालभाति: किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए कपालभाति को सबसे जरूरी शारीरिक व्यायाम माना जाता है. इस आसन को करने से पेट की चर्बी घटने के साथ-साथ डाइजेशन सिस्टम भी ठीक हो जाता है.
सूर्य नमस्कार: रोजाना सुबह 12 बार सूर्य नमस्कार करके हर कोई अपने शरीर को मजबूत बना सकता है और किसी भी बीमारी से लड़ सकता है.
अनुलोम विलोम: इस प्राणायाम से आपका पूरा शरीर हेल्दी रहेगा. आपका वजन भी कम होगा.
उज्जायी: मोटापे की समस्या को दूर करने के साथ-साथ उज्जायी प्राणायाम थायरॉइड ग्रंथि के इलाज में भी मददगार है.
भस्त्रिका: ये शरीर के पूरे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इससे शरीर में अच्छी ऊर्जा सक्रिय होती है.
कंपाउंड जॉगिंग: ये डायबिटीज की प्रॉब्लम को दूर करने में सहायक है. शरीर की चर्बी कम भी करता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
ताड़ासन- ये प्राणायाम वात रोग के लिए फायदेमंद है. शरीर को लचीला बनाने का भी काम करता है. ताड़ासन थकान, चिंता और तनाव से राहत देता है. पीठ और हाथों को मजबूत रखना है.
पश्चिमोत्तानासन: इससे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती हैं. मोटापा दूर करने में मदद मिलती है. पश्चिमोत्तानासन कमर और जोड़ों के दर्द को कम करता है. साथ ही दिल के मरीजों के लिए फायदेमंद है. ये रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है. मोटापे और अनियमित पीरियड्स की समस्या दूर करता है.
शलभासन: ये आपके फेफड़ों को एक्टिव रखता है. तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है. खून को साफ रखने और शरीर को मजबूत और लचीला बनाने में मदद करता है. भुजाओं और कंधों की ताकत भी बढ़ाता है.
उत्तानपादासन- पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए उत्तानपादासन लाभकारी है. इसके अलावा, डायबिटीज को कंट्रोल करने, एसिडिटी की समस्या को दूर रखने, कमर दर्द की परेशानी खत्म करने में भी यह फायदेमंद है.
यह भी पढे –
फॉलो करें यह तीन आसान टिप्स,कम समय में लंबे और घने बाल के लिए