प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को संत रविदास की जन्मस्थली सीर गोवर्धन में कहा कि भाजपा सरकार संत रविदास के संकल्पों को पूरा कर रही है। गरीब, वंचित, पिछड़े और दलित के लिए सरकार की नीयत साफ है। प्रधानमंत्री ने कहा, मैं संत रविदास के संकल्पों को आगे बढ़ा रहा हूं। मुझे उन्होंने ही सेवा का अवसर दिया है।
प्रधानमंत्री ने संत रविदास की 647वीं जयंती पर सीरगोवर्धन में उनकी 25 फीट उंची कांस्य प्रतिमा का अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि यह हमारा इतिहास रहा है कि जब भी देश को जरूरत हुई है, कोई न कोई संत, ऋषि, महान विभूति भारत में जन्म लेते हैं। संत रविदास तो उस भक्ति आंदोलन के महान संत थे, जिन्होंने कमजोर और विभाजित हो चुके भारत को नई ऊर्जा दी थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास ने समाज को आजादी का महत्व भी बताया था और सामाजिक विभाजन को भी पाटने का काम किया। ऊंच-नीच, छुआछूत, भेदभाव समेत सभी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई। संत रविदास कहते हैं, ‘जात पात के फेर मंहि, उरझि रहइ सब लोग। मानुषता कूं खात हइ, रैदास जात कर रोग।’ यानी ज्यादातर लोग जातपात के फेर में उलझे और उलझाते रहते हैं। यह रोग मानवता का नुकसान करता है। संतों की वाणी हमें रास्ता भी दिखाती है और सावधान भी करती है।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आज देश के हर दलित, पिछड़े को एक और बात ध्यान रखनी है। हमारे देश में जाति के नाम पर उकसाने और उन्हें लड़ाने में भरोसा रखने वाले इंडी गठबंधन के लोग दलित, वंचित के हित की योजनाओं का बड़ा विरोध करते हैं। जाति की भलाई के नाम पर ये लोग सिर्फ अपने परिवार के स्वार्थ की राजनीति करते हैं। परिवारवादी पार्टियां अपने परिवार के बाहर किसी दलित और आदिवासी को आगे नहीं बढ़ने देना चाहतीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में पहली आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनने का किन-किन लोगों ने विरोध किया था, ये हर कोई जानता है। ये सब वही परिवारवादी पार्टियां हैं, जिन्हें चुनाव के वक्त दलित की याद आने लगती है। हमें इनसे सावधान रहना होगा।
उन्होंने कहा कि सांसद होने के नाते, वाराणसी का जनप्रतिनिधि होने के नाते मेरी विशेष जिम्मेदारी भी बनती है कि मैं बनारस में आप सबका स्वागत करूं, आप सबकी सुविधाओं का खास खयाल भी रखूं। मुझे खुशी है कि संत रविदास जयंती पर मुझे इन दायित्वों को पूरा करने का अवसर मिला है। आज मुझे संत रविदास की नई प्रतिमा के लोकार्पण का भी सौभाग्य मिला है। संत रविदास म्यूजियम की आधारशिला भी आज रखी है। मैं आप सभी को इन विकास कार्यों की बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि आज वाराणसी से हजारों करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास होने जा रहा है जिससे जनता को लाभ मिलेगा। इस योजना में रविदास मंदिर के लिए भी कार्य होगा। सड़कों से लेकर भजन-कीर्तन के लिए भी सुविधाएं दी जाएंगी। ताकि भक्तों को आध्यात्मिक लाभ मिले साथ ही उनकी कई परेशानियों से छुटकारा मिल सके। प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं राजनीति में नहीं था तब भी संत रविदास की शिक्षाओं से मार्गदर्शन प्राप्त करता था। मेरे मन में भावना थी कि उनकी सेवा का अवसर मिले। आज काशी ही नहीं पूरे देश में उनकी शिक्षाओं का प्रसार किया जा रहा है। हाल ही में मध्य प्रदेश के सतना में संत रविदास स्मारक कला केंद्र के शिलान्यास का सौभाग्य मिला।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज काशी की धरती पर संत गुरु रविदास की 647वीं जयंती के कार्यक्रम के आयोजन पर प्रधानमंत्री का आगमन हुआ है। मैं इस अवसर पर उनका स्वागत करता हूं। अभी प्रधानमंत्री ने संत रविदास की प्रतिमा का अनावरण किया है। मैं संत रविदास के सभी भक्तों और अनुयायियों को इस अवसर पर बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।
सीर गोवर्धन में तीसरी बार पहुंचे प्रधानमंत्री का रविदास मंदिर के जनरल सेक्रेटरी सतपाल बिरदी ने गुरु दरबार की तरफ से सरोपा और स्मृति चिह्न भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह, अखिल भारतीय रविदास धर्म संगठन के उपाध्यक्ष नवदीप दास, पूर्व सांसद विजय सांपला, एसएस ढिल्लो, सतपाल, प्रदीप दास आदि उपस्थित रहे।
– एजेंसी