भागदौड़ भरी इस जिंदगी में तनाव एक आम समस्या बन चुका है। तनाव से कोई भी इंसान ग्रसित हो सकता है। तनाव का कोई एक कारण नहीं है, तनाव लेने के कई कारण हो सकते है, यह एक मानसिक स्थिति है। इस स्थिति में निर्णय लेने में कठिनाई होती है। तनाव की वजह से हमारे शरीर में मानसिक और शारीरिक दोनों ही तरीकों से प्रभावित होता है।
तनाव की वजह से कोर्टिसोल नाम का हार्मोन शरीर से निकलता है। इसकी वजह से दिल की धड़कन बढ़ जाती है जिसकी वजह से घबराहट, मन न लगना ऐसे समस्याओं देखी जाती है और इसका सीधा प्रभाव हमारे शरीर पर पड़ता है। तनाव, चिंता और उदासी ये सभी ही की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से जुड़े होते है। मानसिक तनाव के लेने वाले व्यक्तियों में ये लक्षण दिखते है,
थकान महसूस होना
मांसपेशियों में दर्द बना रहना
भूख ना लगना
सिर में दर्द
हमेशा उदास रहना
एकाग्रता में कमी होना
चिढ़चिढ़ापन होना
खुदकुशी का ख्याल आना
शांत रहना
नींद नहीं आना
अगर ये लक्षण लगातार बने रहते है तो उससे शरीर कई बीमारियां हमें घेर सकती है, तनाव की स्थिति में हमारे शरीर के इम्यून रिस्पांस को भी कमजोर करता है इसलिए रोगों से लड़ने की क्षमता पर भी असर होता है। आइए जानते है तनाव से होने वाले दुष्प्रभाव,
एड्रेनालाईन हार्मोन जो की ज्यादा स्ट्रेस की स्थिति में निकलता है। इसका सीधा प्रभाव हमारे हृदय पर पढ़ता है। स्ट्रेस की स्थिति में आपके रक्तप्रवाह पर बुरा असर पड़ता है। तनाव की स्थिति में हृदय गति और रक्तचाप बढ़ जाता है। एड्रेनालाईन के कारण ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
जैसे जैसे तनाव का स्तर बढ़ता है, उसका सीधा असर हमारी मांसपेशियों पर पढ़ता है और धीमे धीमे इसका मांसपेशियों में जकड़न-कसाव के रूप में दिखना शुरू हो जाता है। इसकी वजह से माइग्रेन और कंधे या गर्दन में दर्द हो सकता है। मांसपेशियों में बढ़े तनाव की की वजह से टिश्यू के नष्ट होने का कारण बन सकता है
सांस में तकलीफ होना तनाव की स्थिति में होने वाला सामान्य लक्षण है। अगर यह तनाव लंबे समय तक बना रहता है तो ये बेचैनी, अस्थमा जैसे समस्याओं का कारण भी बन सकता है। तनाव की समस्या आपके इम्यून सिस्टम को कमजोर बनाती है।
यह भी पढ़ें: