विभिन्न कारोबारों में सक्रिय एस्सार समूह हरित हाइड्रोजन संयंत्र, दुनिया की पहली हरित रिफाइनरी और एलएनजी एवं इलेक्ट्रिक पारिस्थितिकी के निर्माण पर अरबों डॉलर का निवेश करेगा। समूह के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
पिछले चार वर्षों में 1,40,000 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाने के बाद एस्सार समूह अब अपने मौजूदा कारोबारों से एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का मजबूत राजस्व अर्जित कर रहा है।
एस्सार कैपिटल के निदेशक प्रशांत रुइया ने यहां आयोजित ‘भारत ऊर्जा सप्ताह’ के दौरान कहा, ‘एस्सार भारत और उसके बाहर टिकाऊ वृद्धि के लिए पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश करके पुनरुत्थान की राह बना रहा है।’
उन्होंने कहा कि एस्सार समूह कार्बन कटौती, विकेंद्रीकरण और डिजिटलीकरण के तीन मुख्य विषयों पर केंद्रित होकर हरित भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाना चाहता है।
रुइया ने कहा, ‘भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। ऐसे में एस्सार इसकी जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और हरित वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।’
उन्होंने कहा कि एस्सार दुनिया के सबसे बड़े निम्न-कार्बन (नीले हाइड्रोजन) संयंत्रों में से एक और दुनिया की पहली हरित रिफाइनरी बनाने के लिए 3.6 अरब डॉलर का निवेश करेगा। हालांकि उन्होंने इसका अधिक ब्योरा नहीं दिया।
इसके अलावा एस्सार समूह गुजरात में एक गीगावाट की हरित हाइड्रोजन परियोजना विकसित करने पर भी विचार कर रहा है।
उन्होंने कहा कि हरित परिवहन के क्षेत्र में एस्सार लंबी दूरी तय करने वाले भारी ट्रकों को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने के लिए एलएनजी और इलेक्ट्रिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण पर ध्यान दे रहा है।
रुइया ने हरित परिवहन और हाइड्रोजन संयंत्रों में किए जाने वाले निवेश का विवरण साझा नहीं किया।
इसके अलावा समूह पश्चिम बंगाल में एक ब्लॉक से कोयले की परतों से गैस का उत्पादन भी कर रहा है।
रुइया ने कहा कि कोल बेड मीथेन उद्योग में सक्रिय एस्सार ऑयल एंड गैस एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन लिमिटेड (ईओजीईपीएल) का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में भारत के कुल गैस उत्पादन में अपना योगदान बढ़ाकर पांच प्रतिशत करना है।
उन्होंने कहा, ‘इन पहलों के साथ एस्सार समूह देश के ऊर्जा बदलाव और टिकाऊ वृद्धि के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में सबसे आगे है।’
– एजेंसी