ओवर एक्टिव नसों का असर: क्यों हर समय पसीने से भीगते रहते हैं हाथ?

अगर आपके हाथ हर समय पसीने से भीगे रहते हैं, तो यह सिर्फ गर्मी या तनाव का असर नहीं हो सकता। यह समस्या हाइपरहाइड्रोसिस (Hyperhidrosis) नामक एक मेडिकल कंडीशन के कारण हो सकती है, जिसमें शरीर की नसें जरूरत से ज्यादा एक्टिव हो जाती हैं और पसीना सामान्य से अधिक मात्रा में निकलने लगता है। आइए जानते हैं कि यह समस्या क्यों होती है और इससे राहत पाने के उपाय क्या हैं।

हाइपरहाइड्रोसिस क्या है?

हाइपरहाइड्रोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर का स्वेट ग्लैंड सिस्टम (पसीने की ग्रंथियां) जरूरत से ज्यादा सक्रिय हो जाता है। आमतौर पर यह समस्या हथेलियों, पैरों, बगल और चेहरे पर ज्यादा देखी जाती है। यह दो प्रकार की होती है:

  1. प्राथमिक हाइपरहाइड्रोसिस – यह ओवर एक्टिव नसों के कारण होती है और आमतौर पर बचपन या किशोरावस्था से शुरू होती है।
  2. सेकेंडरी हाइपरहाइड्रोसिस – यह किसी दवाई, हार्मोनल असंतुलन या अन्य बीमारियों के कारण हो सकती है, जैसे डायबिटीज, हाइपरथायरायडिज्म या न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर।

हाथों में ज्यादा पसीना आने के कारण

🔹 नर्वस सिस्टम का ओवरएक्टिव होना – शरीर में सिंपथेटिक नर्व सिस्टम जरूरत से ज्यादा एक्टिव हो जाता है, जिससे पसीने की ग्रंथियां लगातार एक्टिव रहती हैं।
🔹 तनाव और एंग्जायटी – मानसिक तनाव और घबराहट के कारण भी हथेलियों में ज्यादा पसीना आ सकता है।
🔹 जेनेटिक कारण – अगर परिवार में किसी को यह समस्या है, तो यह आपको भी हो सकती है।
🔹 हार्मोनल असंतुलन – हाइपरथायरायडिज्म जैसी बीमारियां भी ज्यादा पसीने का कारण बन सकती हैं।

इससे कैसे राहत पाएं?

हाथों को बार-बार धोएं – ठंडे पानी से हाथ धोने से ताजगी बनी रहती है और पसीना कम आता है।
बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करें – हथेलियों पर बेकिंग सोडा लगाएं, यह नमी सोखने में मदद करता है।
एंटीपर्सपिरेंट क्रीम या स्प्रे लगाएं – कुछ एंटीपर्सपिरेंट्स पसीने की ग्रंथियों को ब्लॉक कर सकते हैं।
तनाव को कम करें – मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
डॉक्टर से सलाह लें – अगर समस्या बहुत ज्यादा बढ़ रही है, तो बोटॉक्स ट्रीटमेंट, दवाइयों या सर्जरी (ETS) के विकल्पों पर विचार कर सकते हैं।

अगर आपके हाथ जरूरत से ज्यादा पसीने से भीगे रहते हैं, तो यह ओवर एक्टिव नसों और हाइपरहाइड्रोसिस का संकेत हो सकता है। सही इलाज और कुछ आसान उपाय अपनाकर इस समस्या से राहत पाई जा सकती है। अगर यह समस्या आपकी रोजमर्रा की लाइफ को प्रभावित कर रही है, तो किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।