केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 31 जनवरी, 2023 को संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2022-23’ पेश की।
महामारी की वजह से दर्ज की गई गिरावट, रूस- यूक्रेन युद्ध के प्रतिकूल असर और महंगाई से उबरने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था में अब समस्त क्षेत्रों में उल्लेखनीय बेहतरी देखने को मिल रही है, जिससे यह वित्त वर्ष 2023 में महामारी पूर्व विकास पथ पर अग्रसर हो रही है।
भारत में जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024 में भी दमदार रहने की आशा। वित्त वर्ष 2024 में जीडीपी वृद्धि दर 6-6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान।
वित्त वर्ष 2015 से लेकर अब तक प्रथम छमाही में निजी खपत सर्वाधिक रही है और इससे उत्पादन संबंधी गतिविधियों को काफी बढ़ावा मिला है जिससे समस्त क्षेत्रों में क्षमता उपयोग बढ़ गया है।
केन्द्र सरकार का पूंजीगत व्यय और अब कंपनियों की मजबूत बैलेंस शीट की अगुवाई में निजी पूंजीगत व्यय चालू वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में काफी मददगार साबित हो रहा है।
एमएसएमई क्षेत्र को कुल ऋणों में वृद्धि जनवरी-नवम्बर 2022 के दौरान औसतन 30.6 प्रतिशत से भी अधिक रही।
खुदरा महंगाई नवम्बर 2022 में घटकर फिर से आरबीआई के लक्षित दायरे में आ गई है।
भारतीय रुपये का प्रदर्शन अप्रैल-दिसम्बर 2022 के दौरान अन्य उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में काफी बेहतर रहा।
प्रत्यक्ष कर संग्रह अप्रैल-नवम्बर 2022 के दौरान भी दमदार रहा।
घटती शहरी बेरोजगारी दर और कर्मचारी भविष्य निधि में तेजी से हो रहे कुल पंजीकरण में बेहतर रोजगार सृजन नजर आ रहा है।
सार्वजनिक डिजिटल प्लेटफॉर्मों के विस्तारीकरण और विनिर्माण क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने के उपायों से आर्थिक विकास की गति तेज हो जाएगी।