सब्जियां हमारे शरीर को जरूरी विटामिन और मिनरल्स प्रदान करने का काम करती हैं. हर सब्जी में कोई न कोई गुण जरूर छिपा होता है, जैसे फूलगोभी में. फूलगोभी पोषक तत्वों का पावरहाउस है. ज्यादातर लोगों के घर में रोजाना बनने वाली सब्जियों में फूलगोभी भी खासतौर से शुमार होती है. ये सब्जी शरीर को फाइटोन्यूट्रिएंट्स, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य जरूरी पोषक तत्वों को प्रदान करने का काम करती है. फूलगोभी में एक जरूरी विटामिन जैसा कारक होता है, जिसका नाम कोलीन है.आइये जानते है फूलगोभी खाने के नुकशान के बारे में।
कोलीन नींद, मांसपेशियों की गति, याददाश्त की स्थिति मजबूत करने में मदद करता है. हालांकि इस दुनिया की किसी भी अन्य चीज की तरह ही फूलगोभी के ज्यादा सेवन के भी कई नकारात्मक प्रभाव हैं. यहां हम आपको फूलगोभी के 4 दुष्प्रभावों के बारे में बताएंगे, जिनसे आपको सावधान रहना चाहिए.
फूलगोभी या बाकी क्रूसिफेरस सब्जियों में एक अलग तरह की चीनी होती है, जिसे रैफिनोज कहा जाता है. इसका ब्रेक डाउन काफी कठिन होता है. ये बड़ी आंत में बैक्टीरिया द्वारा फर्मेंटेड किया जाता है. लिहाजा आप गैस्ट्रिक से जुड़ी परेशानियों के बीच सूजन और पेट फूलने जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं.
ये स्थिति एक अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्लैंड की विशेषता है. जिसकी वजह से अक्सर मेटाबोलिज्म कम होता है. भोजन में आयोडीन की कमी हाइपोथायरायडिज्म की प्राथमिक वजह है. फूलगोभी जैसी सब्जियां ग्लैंड के कामकाज पर दबा डाल सकती है. हाइपोथायरायडिज्म या इसी तरह की स्थिति से पीड़ित लोगों को इस सब्जी का सेवन नहीं करने की सलाह दी जाती है.
फूलगोभी खाने वाले कुछ लोगों में एलर्जी की समस्या उभर सकती है. इस तरह की एलर्जी से स्किन में खुजली, सांस लेने में दिक्कत और सूजन हो जाती है. जैसे ही आपको कोई एलर्जी रिएक्शन दिखाई दे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
फूलगोभी कार्ब्स और फैट की मात्रा कम होती है. हालांकि से सब्जी फाइबर से भरपूर होती है, जो आपको लंबे समय तक फुल रखने में मदद करती है.
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