खराब खान-पान की वजह से आजकल हर कोई कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की समस्या से परेशान रहता हैं. कोलेस्ट्रॉल बढ़ने की वजह से हार्ट अटैक से लेकर दिल से संबंधित कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आजकलर बाहर का खाना, अनहेल्दी और प्रोसेस्ड फूड का लोग ज्यादा सेवन करते हैं, इस वजह से पेट में मैदा और तेल से बनी चीजें ही जाती है. तेल से बनी चीजों को खाने से कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने का सबसे ज्यादा खतरा होता है. शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से खून की नसें बंद हो सकती हैं, इस वजह से दिल से जुड़ा खतरा बढ़ जाता है.
जो लोग नॉनवेज के शौकीन हैं उनके लिए मछली से बेहतर कोई ऑप्शन ही नहीं है. मछली में मांस की तुलना में एक अलग पोषण प्रोफ़ाइल होती है. मछली ओमेगा से भरपूर होती है. 3 फैटी एसिड, थायमिन, सेलेनियम और आयोडीन समुद्री मछली और मीठे पानी की मछली के बीच अलग होते हैं. मछली को कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए अच्छा माना जाता है क्योंकि इसमें वसा की मात्रा कम होती है.
पॉपकॉर्न कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए एक बेहतर स्नैक है. यह फाइबर से भरा होता है और कैलोरी में कम होता है. इस बीच चिप्स में भारी मात्रा में ट्रांस फैट होता है जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल स्तर को बढ़ाता है.
चावल के ऑप्शन में क्विनोआ कोलेस्ट्रॉल वाले लोगों के लिए अच्छा है. क्विनोआ फाइबर से भरपूर होता है. एक कप क्विनोआ में 5 ग्राम डाइटरी फाइबर होता है. फाइबर कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं.
नमकीन और कुरकुरे पैकेज्ड नाश्ता करने के बजाय, नट्स और बीजों का सेवन करें. नट और बीज एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं. साथ ही ये प्लांट प्रोटीन और फाइबर के अच्छे स्रोत हैं. इन्हें नमकीन स्नैक्स से बदलकर कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है.
डार्क चॉकलेट एलडीएल और कुल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करती है. कई अध्ययनों में पाया गया है कि डार्क चॉकलेट हृदय संबंधी खतरे और स्ट्रोक के खतरे को कम करती है. एक शोध अध्ययन में पाया गया कि हर सप्ताह एक बार चॉकलेट खाने से धमनियों के बंद होने का खतरा 8 प्रतिशत कम हो जाता है. डार्क चॉकलेट में फ्लेवोनॉयड्स रक्त वाहिकाओं को आराम देता है. अगर आप एक नियमित मछली और मांस खाने वाले हैं, तो अपने भोजन में से कम से कम एक बार शाकाहारी भोजन से जरूर करें.
यह भी पढे –
फिट होने के बावजूद भी लोगों को क्यों पड़ रहा है दिल का दौरा,जानिये