पेरू के साथ प्रस्तावित एफटीए के तहत सोने पर शुल्क रियायत प्रमुख चिंता: जीटीआरआई

पेरू के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत सोने पर शुल्क छूट भारत के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। भारत के पेरू से कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत है।

आर्थिक शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने रविवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि भारत में सोने पर 10 प्रतिशत मूल सीमा शुल्क लगता है और मामूली शुल्क रियायतों से भी आयात में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।

भारत और पेरू परस्पर व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत कर रहे हैं।

ऐसे समझौतों में दो व्यापारिक साझेदार सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को आसान बनाने के अलावा, कारोबार वाली ज्यादातर वस्तुओं पर सीमा शुल्क को या तो काफी कम कर देते हैं या उसे पूरी तरह समाप्त कर देते हैं।

इस बारे में अगले दौर की वार्ता इस सप्ताह पेरू के लीमा में शुरू हो सकती है।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, “सोने पर शुल्क रियायतें, भारत के लिए सबसे चुनौतीपूर्ण मुद्दा है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत के पेरू से आयात में सोने का हिस्सा 1.8 अरब डॉलर या 80 प्रतिशत रहा है।”

उन्होंने तर्क दिया कि भारत-संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) मुक्त व्यापार समझौते में शुल्क रियायतों के बाद भारत के दूसरे सबसे बड़े सोने के आपूर्तिकर्ता यूएई से सोने का आयात 2022 की तुलना में 2023 में दोगुना हो गया।

– एजेंसी