लाइफ स्टाइल खराब होने के कारण आज के दौर में कमर दर्द होना या खिंचाव आ जाना बेहद कॉमन है. जो लोग सही ढंग से नहीं बैठते हैं यानि उनका बैठने का पॉश्चर सही नहीं रहता है. आमतौर पर ऐसे लोग भी बैक पेन की गंभीर समस्या से दो चार होते रहते हैं. इसके अलावा लगातार लेटे रहना और फिजिकल एक्टिविटीज सही न होने पर भी बैक पेन की समस्या बन जाती है. कइ्र बार गलत तरीके से एक्सरसाइज करने या योगासन सही न करने से भी बैकपेन हो जाता है. ये बैकपेन और मसल्स में खिंचाव आना इतना पेनफुल होता है कि व्यक्ति की डेली लाइफ ही पूरी तरह से डिस्टर्ब हो जाती है. इसके अलावा और भी कारण होते हैं. उन्हें जानना भी जरूरी होता है.
क्यों हो जाता है बैक में पेन और खिंचाव
इसके पीछे 5 प्रमुख वजह सामने आई हैं. पहला लिंगामेंट में किसी तरह का खिंचाव यानि स्ट्रेन होने से, दूसरा हडिडयों में किसी तरह का इन्फेक्शन होने से, तीसरा किसी तरह का ट्यूमर बन जाने से, चौथा नसों से जुड़ी कोई समस्या होने पर, पांचवा स्पाइनल कार्ड में किसी तरह की प्रॉब्लम होने पर मोच और दर्द का अनुभव हो सकता है.
क्या दिखते हैं लक्षण?
दर्द के साथ बुखार भी आ रहा है. थकान की स्थिति बनी हुई है. दर्द गदर्न से हाथ-पैरों की ओर भी जाने लगे, गर्दन या पीठ दर्द होने से वजन कम होने लगे, लेट रहे हो तब भी दर्द का अहसास हो, हाथ-पैरों में कमजोरी महसूस होने पर यह समस्या हो सकती है.
ऐसे कर लें घरेलू इलाज
इसके लिए कुछ प्राइमरी तौर पर घेरलू इलाज किए जा सकते हैं. यदि बैक पेन बना हुआ है तो हल्की गर्म सिंकाई कर सकते हैं. गर्म मरहम का प्रयोग किया जा सकता है. सूजन करने के लिए कोई टेबलेट या फिर एंटी-इन्फ्लेमेटरी जेल लगा सकते हैं. इसके लिए फिजियोथेरेपी को दिखा सकते हैं. यदि परेशानी लगातार बढ़ रही है तो बिना रुके डॉक्टर को दिखाना चाहिए.
केवल दर्द की गोली न खाते रहें
अगर दर्द की समस्या बनी हुई है तो केवल पेनकिलर ही न लेते रहें. पेनकिलर का असर जब तक रहेगा, तभी तक दर्द बंद होगा. उसके बाद फिर से चालू हो जाएगा. पेनकिलर लेना किडनी के लिए घातक हो सकता है. इसलिए केवल गोली ही न खाते रहें तुरंत डॉक्टर को दिखाएं.
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