शर्माजी (नेता दोस्त से)- यार आजकल मैं बहुत परेशान हूं।
नेताजी (शर्माजी से)- क्यों क्या हुआ?
शर्माजी (नेता दोस्त से)- दरअसल मेरे बच्चे का विकास रुक गया है।
खाने-पीने पर भी यह मोटा नहीं होता। किसी अच्छे डॉक्टर का नाम
बताओ।
नेताजी (शर्माजी से)- डॉक्टरो के पास जाने से कुछ नहीं होगा। इसका
नाम भ्रष्टाचार रखो। फिर देखना इसका विकास किस रफ्तार से होता है।😜😂😂😂😛🤣
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शर्माजी (दुकानदार से)- कहां है मेरा गिफ्ट?
दुकानदार (शर्माजी से)- कौन सा गिफ्ट?
शर्माजी (दुकानदार से)- कल जो मैंने मिनरल वाटर की बोतल खरीदी थी
उस पर फ्री गिफ्ट था, वो कहां है?
दुकानदार (शर्माजी से)- उस पर कोई गिफ्ट नहीं है।
शर्माजी (दुकानदार से)- बेवकूफ समझते हो! बोतल पर साफ -साफ लिखा
था: 100 प्रतिशत बैक्टीरिया फ्री।😜😂😂😂😛🤣
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मोहन (सोहन से)- तुमने तो कहा था कि तुम बहुत से नेताओ को जानते
हो। कही मेरी भी नौकरी लगवा दो।
सोहन (मोहन से)- लेकिन मैंने यह कब कहा था कि वे भी मुझे जानते है।😜😂😂😂😛🤣
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राम (मोहन से)- क्या कर रहे हो?
मोहन (राम से)- अपने दोस्त को पत्र लिख रहा हूं।
राम (मोहन से)- लेकिन तुम्हें तो लिखना नहीं आता।
मोहन (राम से)- तो मेरे दोस्त को कौन सा पढ़ना आता है।😜😂😂😂😛🤣