पीलिया सबसे आम लिवर डिसऑर्डर में से एक है जिसमें हमारे ब्लड फ्लो में बिलीरुबिन का लेवल बढ़ जाता है. बिलीरुबिन एक पीले रंग का तरल पदार्थ होता है जो की पित्त में पाया जाता है. यह रेड ब्लड सेल्स के टूटने से और बोन मैरो सेल से बनता है. इसी की वजह से हमारी त्वचा का रंग पीला पड़ जाता है. हालांकि पीलिया के लिए मेडिकल सहायता लेना जरूरी है, लेकिन डाइट में कुछ बदलाव करके आप इस डिसऑर्डर के नुकसानों को कुछ हद तक कम कर सकते हैं.
ताजी मूली और इसकी पत्तियों से निकाला गया रस हमारे सिस्टम से अतिरिक्त बिलीरुबिन को बाहर निकालने में सक्षम है. इसे तैयार करने के लिए एक बड़ी मूली को कद्दूकस कर लें और उसका रस निचोड़ लें या मूली के कुछ ताजे पत्तों को पानी में उबालें और एक साफ मलमल के कपड़े से छानकर पिएं.
विटामिन सी, लाइकोपीन आदि जैसे शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण टमाटर पीलिया को ठीक करने में मदद करने के साथ-साथ रोक भी सकता है. आपको बस इतना करना है कि 2-3 पूरी तरह से पके हुए टमाटरों का रस निकाल लें. इसमें एक चुटकी काली मिर्च और थोड़ा सा सेंधा नमक मिलाएं और सुबह खाली पेट इसे पी लें.
टमाटर के रस की तरह आंवले का रस भी विटामिन सी और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों का एक बहुत ही समृद्ध स्रोत है. यह बिलीरुबिन सहित विषाक्त पदार्थों को हटाकर लिवर कोशिकाओं को साफ कर सकता है. ताजे आंवले का रस दिन में दो बार पीने या धूप में सुखाए हुए आंवले के चूर्ण का सेवन करने से पीलिया के लक्षण तेजी से कम होते हैं.
नींबू की डिटॉक्सिफाइंग क्षमता व्यापक रूप से जानी जाती है और यह पीलिया के लक्षणों को खत्म करने के लिए एकदम सही है. एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर घटक हमारे पूरे सिस्टम को लिवर और खून को साफ कर सकता है. बस एक गिलास गुनगुने पानी में एक ताजा नींबू का रस निचोड़ें और सुबह सबसे पहले इसे पिएं.
जब पीलिया को प्राकृतिक रूप से और जल्दी ठीक करने की बात आती है, तो गन्ने का रस सबसे अच्छे उपचारों में से एक हो सकता है. गन्ने के रस का दिन में दो बार सेवन हमारे लिवर को मजबूत बनाने और उसकी सामान्य गतिविधियों को बेहतर करने के लिए बहुत प्रभावी है.
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