ऑल इंडिया स्टील बॉटल एसोसिएशन (एआईएसबीए) ने सरकार से भारत में घटिया और सस्ते स्टील ‘वैक्यूम फ्लास्क’ के आयात को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है।
उद्योग निकाय ने आधिकारिक आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि चीन और अन्य देशों से वैक्यूम स्टील की बोतलों का आयात बढ़ रहा है। देश में 2019-20 से 2022-23 तक उत्पाद के आयात में 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
एआईएसबीए के कोषाध्यक्ष भरत अग्रवाल ने सरकार को बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) के आदेश के तहत आयात छूट का विस्तार नहीं करने का भी सुझाव दिया।
उन्होंने कहा कि आदेशानुसार ”14 जनवरी आखिरी तारीख है जब आयात किए जाने वाले उत्पादों को बीआईएस द्वारा अनुमोदित किया जाना है।”
उन्होंने कहा कि उत्पाद बीआईएस मानकों के अनुरूप नहीं हैं, इसलिए सरकार को स्थानीय निर्माताओं के समक्ष पेश होने वाली समस्याओं को देखते हुए छूट नहीं बढ़ानी चाहिए, जिन्होंने (स्थानीय निर्माताओं) भारतीय बाजार में लगभग 1,500 करोड़ रुपये का निवेश किया है।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हम अपनी वास्तविक विनिर्माण लागत से कम कीमत पर भारत में आने वाले आयात की चुनौतियों के कारण अपनी 100 प्रतिशत क्षमता का इस्तेमाल करने में भी असमर्थ हैं। हमारे पास प्रति दिन 1,90,000 इकाई की स्थापित क्षमता है और हम प्रति दिन 38,000 इकाई का उत्पादन करते हैं, जो निर्धारित क्षमता का 20 प्रतिशत है।”
उद्योग निकाय के अनुसार, सरकारी हस्तक्षेप से घरेलू कंपनियों को सालाना आधार पर अपनी क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी और छह महीने के भीतर रोजगार के 25,000 अवसर उत्पन्न होंगे। वर्तमान में उद्योग करीब 9,500 लोगों को रोजगार देता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम कनाडा, रूस जैसे ठंडे इलाकों और ब्राजील जैसे गर्म स्थानों वाले अपतटीय बाजारों की भी पहचान कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि 204 ग्रेड की आयातित स्टील बोतलों के विपरीत, भारत में निर्मित बोतलें बीआईएस अनुमोदित 304 ग्रेड की हैं, जो पानी के तापमान को 12-18 घंटे तक समान रखती हैं।
– एजेंसी