डायबिटीज एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जिसे दवाओं से पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है. इसलिए डायबिटिक पेशेंट को खानपान पर विशेष ध्यान देना पड़ता है. कई चीजों से परहेज भी करना पड़ता है. शुगर के मरीजों को इस बात का ध्यान रखना पड़ता है कि किस चीज को खाने से शुगर बढ़ जाता है और क्या खाने से शुगर कंट्रोल रहता है. गुड़ को लेकर भी डायबिटीज मरीजों में अक्सर कंफ्यूजन बना रहता है कि डायबिटीज में गुड़ा खाना चाहिए या नहीं. क्या गुड़ खाने से शुगर लेवल बढ़ जाता है. आइए जानते हैं इन्हीं कुछ सवालों के जवाब…
गुड़ में क्या पाया जाता है
गुड़ चीनी का अच्छा और हेल्दी विकल्प माना जाता है. गुड़ में आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम और पोटैशियम काफी अच्छी मात्रा में पाया जाता है. ऑर्गेनिक गुड़ केमिकल फ्री होता है. इसलिए गुड़ (Jaggery) सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है.
डायबिटीज में गुड़ खाना चाहिए या नहीं
हेल्दीफेम हेल्थ वेबसाइट के अनुसार, डायबिटीज मरीजों के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर की बजाय नेचुरल स्वीटनर का इस्तेमाल काफी फायदेमंद होता है. लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि नेचुरल स्वीटनर डायबिटीज मरीजों के लिए बेहतर विकल्प ही हो. सफेद चीनी की तुलना में ऑर्गेनिक चीजों से बना गुड़ बेहतर माना जाता है. क्योंकि इसे कड़ाही में ही बेहतर होता है, जिसे कड़ाही में प्रोसेस्ड कर बनाया जाता है. जैविक गुड़ में केमिलक और बाकी चीजें नहीं मिलाई जाती है. हालांकि, गुड़ के फायदे तभी होंगे, जब इनका सीमित मात्रा में सेवन किया जाए.
डायबिटीज मरीजों को क्यों नहीं खाना चाहिए गुड़
100 ग्राम गुड़ में 98 ग्राम कार्बोहाइड्रेट और इतनी ही चीनी में 100 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मिलता है. दोनों में सिर्फ 2 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का ही अंतर है. यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट डायबिटीज के मरीजों को गुड़ न खाने की सलाह देते हैं.
गुड़-चीनी नहीं तो डायबिटीक को क्या खाना चाहिए
डायबिटीज के मरीजों के खानपान को लेकर न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि अगर मीठा खाने की क्रेविंग कभी बढ़ जाए यानी मीठा खाने की तलब बढ़ जाए तो जड़ी-बूटी वाली चीजें खानी चाहिए. अदरक, तुलसी, दालचीनी जैसी चीजों का ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है. इसलिए इनका सेवन कर सकते हैं.
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