जूस पीना सेहत के लिए बहुत अच्छी बात नहीं होती है क्योंकि आप जिस भी फल या सब्जी का जूस बनाते हैं, उससे सारे फाइबर निकल जाते हैं और पाचन को बेहतर बनाने में फाइबर का बड़ा रोल होता है. ले
एक ही समय पर इन सभी हर्ब्स का सेवन जूस के रूप में ही संभव है. इसलिए सर्दियों में कई मौसमी बीमारियों से बचने और कुछ पुरानी बीमारियों को बढ़ने से रोकने के लिए सेब के जूस का सेवन करना चाहिए. सर्दी के मौसम में उन लोगों की समस्या बहुत अधिक बढ़ जाती है, जिन्हें पहले से सांस संबंधी को ई समस्या हो. जैसे, अस्थमा, सांस फूलना, लंग्स की कोई समस्या.
हम यहां सेब का जूस बनाने की जो तीन विधि लेकर आए हैं, इन विधि से जूस बनाकर कोई भी व्यक्ति सेवन कर सकता है. अस्थमा के रोगियों के लिए ये विधियां बेहद प्रभावी हैं.
4 से 5 सेब लें
2 से 3 संतरे लें
10 से 15 अजवाइन के पत्ते लें (यह एक हर्ब है जिसे आप गमले में भी उगा सकते हैं)
अब सबसे पहले इन सभी को धोकर साफ कर लें और काट लें.
फिर जूसर में डालकर जूस निकाल लें. जरूरी लगे तो काला नमक और जीरा पाउडर ऊपर से छिड़क लें. शुगर नहीं मिलानी है.
सेब और अदरक का जूस
4 से 5 सेब लें
1 से 2 खीरा लें
1 इंच अदरक लें
इन सभी को धोकर, काटकर जूसर में जूस निकाल लें. छानने के बाद काला नमक, नींबू का रस और अजवाइन पाउडर छिड़ककर जूस का आनंद लें.
सेब और आड़ू का जूस
2 से 3 सेब
4 से 5 आड़ू
6 से 7 गाजर
इन सभी को धोकर, काटकर जूस निकालें.
अब छानकर तैयार किए गए जूस में ऊपर से भुने हुए जीरा और अजवाइन के पाउडर के छिड़के. काला नमक डालकर इंजॉय करें.
आप तबे पर बिना ऑइल और घी का उपयोग किए जीरा और अजवाइन को भून लें. जब ये ठंडे हो जाए तो अदरक कूटने वाले इमामदस्ते में इसे दरदरा कूटकर कांच के जार में भरकर रख लें. फिर जूस या सलाद में उपयोग करें.
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