थायरॉइड ग्लैंड हमारे गले के एरिया में स्थित होती है और यह बहुत छोटी-सी होती है. लेकिन हमारे शरीर को स्वस्थ रखने और कई तरह की बीमारियों से बचाने में एक महत्वपूर्ण रोल निभाती है. हमारे मेटाबॉलिक सिस्टम को सही बनाए रखने में भी थायरॉइड ग्लैंड का बड़ा रोल होता है. अगर यह ग्लैंड बहुत अधिक काम करें या बहुत अधिक धीमे काम करे, दोनों ही स्थितियों में शरीर में गड़बड़ी पैदा हो जाती है.
थायरॉइड का असर सबसे पहले आपके मूड पर नजर आने लगता है. इसे हम पहले इसलिए बता रहे हैं क्योंकि अपने मूड के लो होने या हाई होने पर हमारा ध्यान सबसे पहले जाता है. थायरॉइड की समस्या होने पर मूड अक्सर लो रहता है. नींद की कमी होने लगती है, थकान हावी रहने लगती है और चिड़चिड़ाहट बढ़ जाती है.
थायरॉइड ग्लैंड में जब गड़बड़ी होती है तो इसका असर मेटाबॉलिज़म पर भी पड़ता है. इस कारण पेट ठीक से साफ ना होना, कब्ज होना, गैस अधिक बनना, पेट फूलना, ब्लोटिंग रहना इत्यादि समस्याएं लगातार बनी रहती है.
थायरॉइड के बारे में ज्यादातर लोगों को यही लगता है कि इससे पीड़ित व्यक्ति का वजन बढ़ जाता है. हालांकि यह पूरी तरह सही नहीं है. अगर एक व्यक्ति थायरॉइड से पीड़ित होने पर मोटा हो जाता है तो दूसरे व्यक्ति का तेजी से वजन घट भी सकता है. ये दोनों ही स्थितियां सेहत के लिए हानिकारक होती हैं.
थायरॉइड की समस्या होने पर तेज भूख लगने है और बार-बार भूख लगने की समस्या हो सकती है. यानी आपने अभी खाना खाया है और आधा घंटे बाद ही आपको फिर से तेज भूख लगने लगे और यह क्रम लगातार बना रहे.
अव्यवस्थित थायराइड का एक बहुत ही महत्वपूर्ण लक्षण है तरल पदार्थ का असामान्य संचय. इस कारण शरीर के अलग-अलग अंगों पर अक्सर सूजन की समस्या हो जाती है. इनमें चेहरा और आंखें मुख्य हैं. अगर आपको लगता है कि आप पर्याप्त नींद ले रही हैं, भोजन सही कर रही हैं लेकिन फिर भी अक्सर चेहरे और आंखों पूर सूजन आ जाती है तो इसे हल्के में ना लें.
थायरॉइड ग्लैंड के डिस्टर्ब होने का असर हृदय की धड़कनों पर भी पड़ता है. यदि आपको अचानक से धड़नें बढ़ना, घबराहट होना, पसीना-पसीना होना या हार्ट से संबंधी कोई अन्य समस्या भी नजर आती है तो इसे हल्के में ना लें और अपने डॉक्टर से जरूर मिलें.
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