लाल सागर मार्ग में जारी व्यवधान से अंतरराष्ट्रीय व्यापार में शामिल कंपनियों की माल ढुलाई और अन्य संबंधित लागत (एफएंडएफ) 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ने की आशंका है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडरा ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में यह बात कही। एजेंसी ने कहा कि इस व्यवधान के चलते कार्यशील पूंजी चक्र 15-20 दिनों तक बढ़ने का अनुमान है। इसका असर कृषि और कपड़ा जैसे क्षेत्रों पर अधिक हो सकता है।
कार्यशील पूंजी चक्र का मतलब आपूर्तिकर्ताओं को किए गए भुगतान और बिक्री से मिलने वाले राजस्व के बीच की अवधि से है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नकदी प्रवाह पर दबाव हालांकि बड़ी कंपनियों के लिए मध्यम है, लेकिन फिर भी उधारी में और वृद्धि होगी। खासतौर से लोहा और इस्पात, ऑटो और ऑटो कलपुर्जा, रसायन तथा कपड़ा जैसे क्षेत्रों में ऐसा खासतौर से देखने को मिल सकता है।
इंडरा के निदेशक सौम्यजीत नियोगी ने कहा कि कम मूल्यवर्धन वाली संस्थाओं के लिए यह चुनौतीपूर्ण वक्त है, क्योंकि उनका मार्जिन भी कम है। हालांकि, बड़ी कंपनियों के पास ऐसी वृद्धिशील लागत को समायोजित करने के लिए पर्याप्त गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि मध्यम आकार की कंपनियों के लिए लागत और आपूर्ति, दोनों रूप में दोहरी चुनौती है।
– एजेंसी