नई दिल्ली (एजेंसी/वार्ता): जैन समुदाय ने झारखंड में पारसनाथ पर्वत के पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किये जाने के विरोध में सोमवार को यहां रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन किया। जैन मुनि आचार्य सहती 108 अनेकान्त सागर ने अपने संबोधन में कहा कि जब तीर्थो पर हमला हो तो सभी को एकजुट होकर उसके खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात है कि जैन समाज का सबसे पवित्र तीर्थ स्थल सम्मेद शिखर जी की पवित्रता को दूषित किया जा रहा है और सरकार उसे पर्यटन स्थल घोषित कर जैन समाज की भावना को आहत कर रही है।
इस मौके पर विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि जैन समाज किसी भी कीमत पर श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनने नही देगा। इसके लिए सभी लगातार अपनी आवाज उठाते रहेंगे। उन्होंने तीर्थस्थल से अतिक्रमण को हटाने और उसकी पवित्रता बहाल करने की मांग की।
उन्होंने कहा कि झारखण्ड सरकार की अनुशंसा पर केंद्रीय वन मंत्रालय ने पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्र को वन्य जीव अभ्यारण्य का एक भाग घोषित कर पर्यावरण पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति दी है जो जैन समाज को मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि 24 तीर्थंकरों में से 20 इसी सम्मेद शिखर जी के रास्ते मोक्ष प्राप्त किये हैं और यह जैन समाज का सबसे पवित्र स्थान है।
-एजेंसी/वार्ता
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