देश में तीन प्रमुख दक्षिणी शहरों बेंगलुरु, हैदराबाद और चेन्नई में भंडारण स्थानों की मांग पांच प्रतिशत गिरकर 1.02 करोड़ वर्ग फुट हो गई। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। कैलेंडर वर्ष 2022 में यह 1.07 करोड़ वर्ग फुट थी।
रियल एस्टेट सलाहकार वेस्टियन के आंकडों के अनुसार, इन तीन दक्षिणी शहरों की हिस्सेदारी पिछले वर्ष के 34 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 27 प्रतिशत हो गई। वहीं सात प्रमुख शहरों में गोदाम और लॉजिस्टिक्स स्थानों का पट्टा पिछले वर्ष के 3.12 करोड़ वर्ग फुट से 2023 में 21 प्रतिशत बढ़कर 3.78 करोड़ वर्ग फुट हो गया।
वेस्टियन के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) श्रीनिवास राव ने कहा, ”केंद्रीय बजट 2024-25 से अगले कुछ वर्षों के लिए दिशा तय होने की उम्मीद है। अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे के विकास की हालिया घोषणाओं का इस क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।” हालांकि, राव ने आगाह किया, ‘‘2024 भारतीय भंडारण क्षेत्र के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष हो सकता है क्योंकि 2023 में निवेश में गिरावट का रुख रहा।”
– एजेंसी