केरल उच्च न्यायालय ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन, उनकी बेटी टी वीणा और कुछ अन्य नेताओं को शुक्रवार को नोटिस जारी किया। यह नोटिस एक निजी खनिज कंपनी और वीणा की आईटी (सूचना प्रौद्योगिकी) कंपनी के बीच कथित वित्तीय लेनदेन के संबंध में जारी किया गया है।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. बाबू ने कांग्रेस नेता रमेश चेन्निथला, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के नेताओं पी के कुन्हालीकुट्टी और वी के इब्राहिम कुंजु के साथ ही वीणा की कंपनी एक्सालॉजिक सॉल्यूशंस आदि को भी नोटिस जारी किया।
अदालत ने इससे पहले एक वकील को याचिकाकर्ता -कलामासेरी के सामाजिक कार्यकर्ता गिरीश बाबू- की ओर से बहस करने के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया। गिरीश बाबू की मामला लंबित रहने के दौरान मृत्यु हो गई थी।
उच्च न्यायालय गिरीश द्वारा दायर एक पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें विशेष सतर्कता अदालत, मुवट्टुपुझा के एक आदेश को चुनौती दी गई है। विशेष सतर्कता अदालत ने कोचीन मिनरल्स एंड रुटाइल लिमिटेड (सीएमआरएल) और वीणा की कंपनी और संदिग्ध नेताओं के बीच कथित अवैध वित्तीय लेनदेन की जांच के लिए दायर एक याचिका सबूत के अभाव में खारिज कर दी थी।
जब संवाददाताओं ने यहां संवाददाता सम्मेलन में उच्च न्यायालय के नोटिस के बारे में मुख्यमंत्री से पूछा, तो विजयन ने आज इस सवाल को खारिज कर दिया और पत्रकारों से कहा कि वे इस बारे में चिंता न करें, क्योंकि नोटिस उन्हें जारी किया गया है।
इस बीच, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीशन ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय आरोपों की जांच नहीं कर रहा है, क्योंकि वाम दल और मुख्यमंत्री का भाजपा के साथ ‘समझौता’ है।
कुछ महीने पहले एक मलयालम दैनिक की उस खबर के बाद केरल में एक विवाद उत्पन्न हो गया था कि सीएमआरएल ने 2017 और 2020 के बीच मुख्यमंत्री की बेटी को कुल 1.72 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
सतर्कता अदालत ने कहा था कि सामान्य आरोपों के अलावा, शिकायतकर्ता ने कोई भी ठोस तथ्य पेश नहीं किये हैं, जो यह दर्शाता हो कि नेताओं ने कथित भुगतान के बदले में सीएमआरएल को किसी तरह से फायदा पहुंचाया
– एजेंसी