यूरिक एसिड का बढ़ना सिर्फ एक अस्थायी समस्या नहीं, बल्कि यह लंबे समय तक शरीर में सूजन, दर्द और गाउट जैसी गंभीर स्थितियों को जन्म दे सकता है। यूरिक एसिड के क्रिस्टल्स जब हड्डियों के जोड़ों में जमा होते हैं तो वहां इंफ्लेमेशन होता है, जिससे चलना-फिरना और उठना-बैठना भी मुश्किल हो जाता है।
ऐसे में जरूरी है कि शरीर में जमा अतिरिक्त प्यूरिन को बाहर निकाला जाए, और इस काम में मकई (कॉर्न) आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। आइए जानते हैं कैसे:
यूरिक एसिड में मकई खाने के फायदे:
1. प्यूरिन को तोड़ने और बाहर निकालने में मददगार
मकई में मौजूद फाइबर और रफेज़, प्रोटीन मेटाबोलिज्म को सुधारते हैं और शरीर में मौजूद अतिरिक्त प्यूरिन को तोड़कर बाहर निकालने में मदद करते हैं।
इसके अलावा मकई एक तरह की जेल संरचना बनाता है, जो प्यूरिन के अणुओं से जुड़कर उसे शरीर से बाहर करने में सहयोग करता है।
2. एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
मकई में कुछ खास एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं जो शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को संतुलित रखते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स यूरिक एसिड के जमा होने से रोकते हैं, जिससे गाउट जैसी समस्या से बचा जा सकता है।
कैसे खाएं मकई जब यूरिक एसिड हो?
यूरिक एसिड की समस्या में मकई को सीधे उबालकर या भूनकर खाना सबसे बेहतर तरीका है। इससे इसका फाइबर और रफेज कंटेंट बरकरार रहता है, जो यूरिक एसिड कंट्रोल में मदद करता है।
ध्यान रहे: मकई को फ्राइड या मक्खन-नमक में तला हुआ खाने से बचें, क्योंकि इससे इसमें मौजूद सुक्रोज और प्रोटीन का प्रोसेस बिगड़ सकता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर बढ़ सकता है।
निष्कर्ष:
अगर आप यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं तो मकई को अपनी डाइट में शामिल करें – लेकिन सही तरीके से। इसका फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स ना सिर्फ यूरिक एसिड को घटाते हैं, बल्कि गाउट से भी राहत दिलाते हैं।
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