थायराइड की समस्या आजकल आम हो गई है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आयुर्वेदिक उपायों से इसे नैचुरली कंट्रोल किया जा सकता है? मुलेठी और हरा धनिया दो ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकती हैं। अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए, तो ये सिर्फ 2 हफ्ते में असर दिखाना शुरू कर देती हैं। आइए जानते हैं इनका सेवन करने के तरीके और फायदे।
थायराइड क्या है और यह क्यों होता है?
थायराइड ग्रंथि शरीर में मेटाबॉलिज्म, ऊर्जा उत्पादन और हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती है। जब यह ग्रंथि अधिक (हाइपरथायरायडिज्म) या कम (हाइपोथायरायडिज्म) मात्रा में हार्मोन बनाती है, तो शरीर में वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना, त्वचा का रूखापन, अवसाद और डाइजेशन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
आयुर्वेद में मुलेठी और हरा धनिया को थायराइड के लिए फायदेमंद माना गया है। इनका नियमित सेवन थायराइड को संतुलित कर सकता है।
मुलेठी से थायराइड कैसे कंट्रोल होता है?
मुलेठी में ग्लाइसीराइजिक एसिड पाया जाता है, जो शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बैलेंस करता है। यह थकान और कमजोरी को दूर करता है और थायराइड ग्रंथि के कार्य में सुधार लाता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
✔ मुलेठी की चाय – 1 चम्मच मुलेठी पाउडर को 1 कप गर्म पानी में 5-10 मिनट तक उबालें। इसे छानकर रोज सुबह खाली पेट पिएं।
✔ मुलेठी का पाउडर – आधा चम्मच मुलेठी पाउडर को शहद या गुनगुने पानी के साथ लें।
हरा धनिया से थायराइड को कैसे कंट्रोल करें?
हरा धनिया एंटीऑक्सीडेंट और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह शरीर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और मेटाबॉलिज्म को सुधारता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
✔ धनिया पानी – 1 चम्मच धनिया के बीज को रातभर पानी में भिगो दें। सुबह इसे उबालें और छानकर खाली पेट पिएं।
✔ हरा धनिया जूस – ताजे हरे धनिए को पीसकर उसका रस निकालें और इसमें थोड़ा पानी मिलाकर रोज सुबह सेवन करें।
अन्य आयुर्वेदिक उपाय जो थायराइड में मदद कर सकते हैं
अश्वगंधा – यह एड्रेनल ग्लैंड को संतुलित करता है और थायराइड हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है।
गुग्गुल – यह थायराइड की कार्यक्षमता को बेहतर बनाने में मदद करता है।
नारियल तेल – यह मेटाबॉलिज्म को सुधारता है और थायराइड हार्मोन को संतुलित करता है।
अगर आप थायराइड की समस्या से जूझ रहे हैं, तो मुलेठी और हरा धनिया को अपने डेली रूटीन में शामिल करें। ये दोनों सिर्फ 2 हफ्तों में असर दिखाना शुरू कर सकते हैं और आपके शरीर में थायराइड हार्मोन को संतुलित करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही, हेल्दी डाइट और योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं, ताकि आप थायराइड की समस्या को लंबे समय तक कंट्रोल में रख सकें।