इन बीमारियों के लिए रामबाण है दालचीनी, जाने कितनी मात्रा में करें सेवन

दालचीनी, एक प्राचीन मसाला और आयुर्वेदिक औषधि, अनेक स्वास्थ्य लाभों से जुड़ा हुआ है. इसमें मौजूद गुणों के कारण यह कई बीमारियों जैसे डायबिटीज, हृदय रोग, कैंसर, पाचन संबंधी समस्याओं आदि से लड़ने में मददगार साबित हो सकती है. दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण शरीर को इन बीमारियों से बचाते हैं. दालचीनी का सेवन रोजाना 1 से 2 ग्राम की मात्रा में करना चाहिए. इसे चाय, कॉफी, सलाद या स्मूदी में मिलाकर लिया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें कि अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह नुकसानदेह हो सकता है. आइए यहां देखते हैं दालचीनी के फायदे..

रक्त शर्करा का नियंत्रण

दालचीनी यह शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार कर सकता है, जिससे शरीर रक्त में मौजूद शर्करा का उचित उपयोग कर पाता है. इसके अलावा, दालचीनी कार्बोहाइड्रेट के पाचन की प्रक्रिया को धीमा करके खाने के बाद रक्त शर्करा के स्तर में अचानक उछाल को रोक सकता है. ये सभी गुण मधुमेह के प्रबंधन और नियंत्रण में सहायक होते हैं, जिससे यह समझा जाता है कि दालचीनी रक्त शर्करा के संचार को संतुलित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

जलन और सूजन में राहत:

जलन और सूजन से संबंधित समस्याओं में दालचीनी विशेष रूप से लाभकारी होती है. यह अपने प्रतिस्थापन और शांतिप्रद गुणों के कारण शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है. जलन संबंधित समस्याओं में, दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लैमेटरी गुण त्वचा की जलन और अन्य संबंधित समस्याओं में राहत प्रदान कर सकते हैं. इसके अलावा, दालचीनी में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो संक्रमण से होने वाली सूजन और जलन में भी राहत दिला सकते हैं.

हृदय रोग:

दालचीनी, जिसे हमारे रसोई में मसाले के रूप में प्रयोग होता है, वह सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं बल्कि हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है. दालचीनी में एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लैमेटरी गुण होते हैं जो हृदय रोग के जोखिम कारकों को कम करने में सहायक होते हैं. इससे बढ़कर, यह LDL (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है और ट्राइग्लिसराइड्स को कम कर सकता है, जो दोनों हृदय रोग के प्रमुख जोखिम कारक हैं.

पाचन

दालचीनी, भारतीय रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जो पाचन प्रक्रिया को सुधारने में भी अत्यंत लाभकारी होता है. दालचीनी में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट और एंटीइन्फ्लैमेटरी गुण पाचन संबंधित समस्याओं, जैसे कि गैस, अफारा और पेट में दर्द, को ठीक करने में मदद करते हैं.

यह भी पढ़ें:-

ऐसा क्यों कहते हैं चीनी से लाख गुना बेहतर है शहद? ये कारण जान आप भी इस्तेमाल करने लगेंगे