दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया।
मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के नेतृत्व में केरल के वाम लोकतांत्रिक मोर्चा के नेताओं और सांसदों ने बृहस्पतिवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। केजरीवाल ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।
प्रदर्शन में शामिल हुए केजरीवाल ने कहा, “विपक्षी दलों के नेतृत्व वाली सरकारें देश के 70 करोड़ लोगों का प्रतिनिधित्व करती हैं। भाजपा ने विपक्ष शासित राज्यों के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। उन्होंने हमारे लिये भारत-पाकिस्तान जैसी स्थिति बना दी है। केंद्र सरकार विपक्षी सरकारों को परेशान करने के लिए हर हथकंडा अपना रही है।”
उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र राज्य सरकारों को निधि देने से वंचित कर रहा है, राज्यपालों और उपराज्यपालों के माध्यम से काम में बाधा डाल रहा है तथा विपक्षी नेताओं के पीछे केंद्रीय एजेंसियों को लगा रहा है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा, “वह (केंद्र सरकार) उन्हें निधि देने से वंचित कर रही है, राज्यपालों और उपराज्यपालों के माध्यम से काम में बाधा डाल रही है। वह विपक्षी नेताओं को गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का उपयोग करके उन्हें परेशान भी कर रही है।” उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी “यहां अपने परिवारों के लिए भीख मांगने या कुछ मांगने नहीं आए हैं।”
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक ने कहा, “मैं यहां 2 करोड़ लोगों का हक मांगने आया हूं। अगर आप हमें फंड नहीं देंगे तो हम सड़क कैसे बनाएंगे, बिजली कैसे देंगे और विकास के लिए काम कैसे करेंगे? आप लोगों का अधिकार कैसे छीन सकते हैं।”
पंजाब का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ग्रामीण विकास निधि जारी करने के लिए उच्चतम न्यायालय जाना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल विपक्ष शासित राज्यों में राज्य के विषयों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और विपक्षी नेताओं को फंसाने के लिए ईडी जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने दावा किया, “न्यायालय ने मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तय की है। तुरंत हमें केंद्र से एक फोन आया और हमसे चर्चा के लिए उनके साथ बैठने के लिए कहा गया। दिल्लीवासी आयकर के रूप में दो लाख करोड़ रुपये का भुगतान करते हैं और इसमें से उन्हें केवल 325 करोड़ रुपये मिलते हैं। यहां तक कि 100 वर्षों में अंग्रेजों ने भी देश को इस तरह नहीं लूटा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्यपाल विपक्ष शासित राज्यों में राज्य के विषयों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और विपक्षी नेताओं को फंसाने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया, “उनके लिए ईडी एक नया हथियार है। अभी तक, कानून थे तो मामले की जांच होती थी। फिर इसका कानूनी मुकदमा चलाया जाता था और कानूनी प्रक्रिया के बाद आरोपी को जेल भेजा जाता था। अब वे तय करते हैं कि किसे सलाखों के पीछे डालना है और फिर यह तय किया जाता है कि उस व्यक्ति को किस मामले में फंसाया जाना चाहिए।”
उन्होंने दावा किया कि उन्होंने हेमंत सोरेन को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि उनके खिलाफ कुछ भी साबित नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा, “वे मुझे, पिनराई विजयन या एम.के. स्टालिन को भी गिरफ्तार कर सकते हैं। वे सरकार गिराने के लिए किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं और जेल भेज सकते हैं। उन्होंने झारखंड सरकार को गिराने की भी कोशिश की लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके।”
उन्होंने कहा कि उन्हें “भ्रष्ट” करार दिया गया है और रेखांकित किया कि कैसे वह दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में मुफ्त बिजली और मुफ्त इलाज प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली के लोगों को मुफ्त बिजली देता हूं, जबकि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बिजली की दरें काफी ऊंची हैं। आप मुझे बताएं- मुफ्त बिजली देने वाला भ्रष्ट है या ऊंची दरों पर बिजली देने वाला?”
केजरीवाल ने कहा, “मैं भाजपा से कहना चाहता हूं कि अहंकार न करें। एक समय आ सकता है जब हम वहां (सत्ता में) होंगे और आप यहां (विपक्ष में) होंगे और यही कानून आपको परेशान कर सकते हैं।”
उनके पंजाब समकक्ष भगवंत सिंह मान ने कहा कि ऐसे समय में जब उन्हें अपने संबंधित सचिवालयों में बजट की तैयारी करनी चाहिए थी, वे यहां जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने आए हैं।
उन्होंने कहा, “हमें अपने-अपने सचिवालय में रहना चाहिए था और काम करना चाहिए था क्योंकि यह बजट तैयार करने का समय है। लेकिन, हम यहां जंतर-मंतर पर अपना अधिकार मांग रहे हैं। उन्होंने हमारे 5500 करोड़ रुपये रोक लिए हैं और हमें सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ा।” उन्होंने आरोप लगाया, “जहां भाजपा के विधायक नहीं हैं, वहां राज्यपाल शासन करने लगते हैं।”
– एजेंसी