सीसीपीए ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों को रोकने के लिए मसौदा दिशानिर्देशों पर सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी

उपभोक्ता संरक्षण नियामक सीसीपीए ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों की रोकथाम के लिए दिशानिर्देशों के मसौदे पर 16 मार्च तक सार्वजनिक टिप्पणियां मांगी हैं।

आधिकारिक बयान के अनुसार, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कोचिंग संस्थानों, विधि कंपनियों, सरकार और स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठनों सहित सभी हितधारकों के साथ विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मसौदा दिशानिर्देश तैयार किए हैं।

बयान में कहा गया, ‘‘सार्वजनिक टिप्पणियां/सुझाव/प्रतिक्रिया मांगी जाती है और 30 दिन के भीतर (16 मार्च 2024 तक) केंद्रीय प्राधिकरण को प्रदान की जा सकती है।”

मसौदा ”कोचिंग” को परिभाषित करता है और ऐसी शर्तें बताता है जो भ्रामक विज्ञापनों के अंतर्गत आती हैं।

मिसाल के तौर पर कोचिंग संस्थानों को पाठ्यक्रम के नाम (चाहे मुफ़्त हो या भुगतान) और सफल उम्मीदवार द्वारा चुने गए पाठ्यक्रम की अवधि या किसी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी से संबंधित जानकारी छिपाने की अनुमति नहीं है जो उपभोक्ताओं के उनकी सेवाओं को चुनने के निर्णय को प्रभावित कर सकती है।

सीसीपीए ने कहा कि दिशानिर्देशों का मकसद लोगों को कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों से बचाना है। यह कोचिंग में लगे प्रत्येक व्यक्ति पर लागू होगा।

कोचिंग क्षेत्र द्वारा भ्रामक विज्ञापनों को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत नियंत्रित किया जाएगा और प्रस्तावित दिशानिर्देश हितधारकों में स्पष्टता लाएंगे तथा उपभोक्ता हितों की रक्षा करेंगे।

– एजेंसी