वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को कहा वर्ष 2030 तक कोयला गैसीकरण एवं द्रवीकरण की 100 टन की क्षमता स्थापित की जाएगी।
सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की।
यह गैसीकरण परियोजनाओं के प्रोत्साहन की दिशा में उठाया जाने वाला कदम है।
सरकार ने हाल ही में कोयला एवं लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय मदद के तौर पर 8,500 करोड़ रुपये के परिव्यय को मंजूरी दी है।
इसके साथ ही सरकार ने 13,052.81 करोड़ रुपये के निवेश पर कोल इंडिया और गेल के बीच एक संयुक्त उद्यम लगाकर एसएनजी (सिंथेटिक प्राकृतिक गैस) बनाने की भी मंजूरी दी है। इसके साथ ही कोल इंडिया और बीएचईएल के बीच 11,782.05 करोड़ रुपये के एक संयुक्त उद्यम के जरिये अमोनियम नाइट्रेट परियोजना लगाने की भी मंजूरी दी गई है।
यह फैसला इस लिहाज से अहम है कि यह उन रसायनों के आयात को कम करने में मदद करता है, जिन्हें कोयला गैसीकरण के माध्यम से हासिल किया जा सकता है।
अपने बजट भाषण में सीतारमण ने कहा कि भारत को 2014 से अबतक 596 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ है, जो 2004 और 2014 के बीच के आए प्रवाह से दोगुना है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने देश में जलीय कृषि को बढ़ावा देने के लिए ‘ब्लू इकनॉमी 2.0’ पहल को भी शुरू करेगी।
– एजेंसी