अपनी मिठास और स्वाद के लिए लोकप्रिय आमों का सीज़न आने वाला है. खाने में टेस्टी लगने वाले आम अलग-अलग प्रकार के आते हैं. भारत में इस फल की 1500 से ज्यादा किस्में उगाई जाती हैं, जैसे अल्फांसो, दशहरी, लंगड़ा आदि. अलग-अलग आम का अपना एक अलग स्वाद होता है. चूंकि इनमें काफी मिठास होती है, इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोग इससे अक्सर दूरी बनाते नजर आते हैं, क्योंकि उन्हें इस बात का डर रहता है कि कहीं ब्लड शुगर लेवल बढ़ न जाए.
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आपका ब्लड शुगर लेवल स्टेबल है तो आप आम खा सकते हैं. लेकिन आपको एक बात का ध्यान रखना होगा और वो ये कि आपको सही समय पर और सीमित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए. क्योंकि एक आम में लगभग 15 ग्राम कार्बोहाइड्रेट होता है और फलों से रोजाना सिर्फ 30 ग्राम कार्बोहाइड्रेट लेने की सलाह दी जाती है. हर आम में मिठास अलग-अलग मात्रा में होती है.
फलों के राजा आम का सेवन करना डायबिटीज से पीड़ित मरीजों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है, बशर्ते वे इसका सेवन सही तरीके से करें. अगर आपके ब्लड शुगर और पोटेशियम का लेवल सीमा के अंदर है तो आप इसका इस्तेमाल कर सकते हैं. डायबिटीज के मरीजों को आम का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए. आम खाने का सबसे अच्छा तरीका यह कि आम को काटकर छिलके से सीधा गूदा निकालकर खाया जाए. ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम इस तरीके से आम खाते हैं तो हमारा मुंह लार में एक एंजाइम का इस्तेमाल करके कार्बोहाइड्रेट को डाइजेस्ट करना शुरू कर देता है, जिसे सैलाइवरी एमाइलेज कहा जाता है.
आम को सीधे छिलके से खाने से इसका भरपूर स्वाद मिलता हैं. हालांकि जब हम मैंगो शेक या मैंगो जूस के रूप में आम का सेवन करते हैं तो ज्यादा सेवन करने का खतरा पैदा हो जाता है. क्योंकि एक गिलास मैंगो जूस में कई आमों का रस मिला होता है. डायबिटीज के मरीजों को रोजाना आधे से ज्यादा आम का सेवन करने से बचना चाहिए. अगर आपका ब्लड शुगर और पोटेशियम का लेवल ज्यादा है तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही आम का सेवन करें.
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