बायजू की ईजीएम जारी, रवींद्रन बायजू नहीं हुए शामिल, निवेशकों ने एनसीएलटी में दायर किया मुकदमा

बायजू के शेयरधारकों की असाधारण आम बैठक (ईजीएम) शुक्रवार को शुरू हुई। इसमें कथित ‘कुप्रबंधन और विफलताओं’ को लेकर संस्थापक सीईओ बायजू रवींद्रन और उनके परिवार को बाहर करने के लिए कुछ निवेशकों के प्रस्ताव पर मतदान किया जाएगा।

रवीन्द्रन और उनका परिवार ईजीएम में शामिल नहीं हुए और इसे ‘प्रक्रिया के स्तर पर अमान्य’ करार दिया।

ईजीएम से पहले बायजू के चार निवेशकों ने एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ के समक्ष कंपनी के प्रबंधन के खिलाफ गड़बड़ी और कुप्रबंधन को लेकर बृहस्पतिवार शाम मुकदमा दायर किया था।

मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि ईजीएम शुक्रवार सुबह साढ़े नौ बजे शुरू होनी थी, लेकिन इसमें करीब एक घंटे की देरी हुई क्योंकि करीब 200 लोग (जिनमें से कुछ बायजू के कर्मचारी हैं) इसमें ऑनलाइन शामिल होना चाहते थे।

हालांकि, ईजीएम में वोट का नतीजा 13 मार्च तक लागू नहीं होगा। कर्नाटक उच्च न्यायालय कुछ निवेशकों के कदम को चुनौती देने वाली रवींद्रन की याचिका पर अगली सुनवाई 13 मार्च को करेगा।

उच्च न्यायालय ने बुधवार को बायजू में 32 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाले शेयरधारकों द्वारा सामूहिक रूप से बुलाई गई ईजीएम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। रवींद्रन और परिवार की कंपनी में 26.3 प्रतिशत हिस्सेदारी है।

ईजीएम नोटिस में बायजू का संचालन करने वाली कंपनी थिंक एंड लर्न के वर्तमान निदेशक मंडल को हटाने का आह्वान किया गया है। इसमें रवींद्रन, उनकी पत्नी एवं सह-संस्थापक दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजु रवींद्रन शामिल हैं।

बायजू रवीन्द्रन ने अपनी ओर से एक सप्ताह में दूसरी बार शेयरधारकों को पत्र लिखकर कहा कि ईजीएम ” प्रक्रियात्मक रूप से अमान्य, कंपनी के गठन के नियम और शेयरधारक समझौते का उल्लंघन है। साथ ही कानूनी रूप से कंपनी अधिनियम 2013 के खिलाफ है और मौलिक रूप से मीडिया के समाने लाया गया केवल एक ड्रामा है।”

उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अनंत रामनाथ हेगड़े के बुधवार के आदेश का हवाला दिया और कहा, ‘‘23 फरवरी को निर्धारित ईजीएम में बायजू के शेयरधारकों द्वारा लिया गया निर्णय, यदि कोई फैसला हुआ तो सुनवाई की अगली तारीख तक प्रभावी नहीं होगा।”

रवीन्द्रन ने अंतिम फैसला उनके हक में आने का विश्वास व्यक्त किया। ईजीएम को अमान्य बताते हुए उन्होंने कहा कि न तो वह और न ही निदेशक मंडल के कोई अन्य सदस्य ( उनकी पत्नी और भाई) बैठक में शामिल होंगे।

राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष बृहस्पतिवार शाम दायर मुकदमे में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन सहित संस्थापकों को कंपनी चलाने में अयोग्य घोषित करने और नया निदेशक मंडल नियुक्त करने का आग्रह किया गया है। इसके अलावा राइट इश्यू को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया गया है।

अदालती दस्तावेजों के अनुसार, याचिका में फॉरेंसिक ऑडिट और प्रबंधन को निवेशकों के साथ जानकारी साझा करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।

याचिका पर टाइगर और आउल वेंचर्स सहित अन्य शेयरधारकों के समर्थन के साथ-साथ चार निवेशकों प्रोसस, जीए, सोफिना और पीक 15 द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।

– एजेंसी